देहरादून। संवाददाता। उत्तराखंड के सबसे बड़े घोटाले छात्रवृत्ति घोटाले मुख्य आरोपी माने जा रहे समाज कल्याण विभाग के संयुक्त निदेशक रहे गीताराम नौटियाल को विजिलेंस कोर्ट ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। नौटियाल गिरफ़्तारी से बचने के लिए हाईकोर्ट, सुप्रीम कोर्ट, फिर हाईकोर्ट के चक्कर काटते रहे थे। सब जगह से निराशा मिलने के बाद आखिरकार गुरुवार को एसआईटी ने उन्हें हरिद्वार से गिरफ़्तार कर लिया था। नौटियाल की गिरफ़्तारी 700 करोड़ रुपये से ज़्यादा के छात्रवृत्ति घोटाले की जांच की महत्वपूर्ण कड़ी मानी जा रही है।
हरिद्वार से हुई गिरफ़्तारी
बता दें कि छात्रवृत्ति घोटाले में दो एसआईटी जांच कर रही हैं। एक एसआईटी एसपी टीसी मंजूनाथ के नेतृत्व में देहरादून और हरिव्दार में हुए घोटाले की जांच कर रही है और दूसरी एसआईटी आईजी संजय गुंज्याल के नेतृत्व में बाकी 11 ज़िलों के मामलों की जांच कर रही है।
टीसी मंजूनाथ के नेतृत्व वाली एसआईटी ने गुरुवार को गीताराम नौटियाल को हरिद्वार से गिरफ्तार किया था और आज उन्हें विजिलेंस कोर्ट में पेश किया। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने गीताराम नौटियाल को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया।
कुछ और नाम आएंगे सामने
बता दें छात्रवृत्ति घोटाले के दौरान गीताराम नौटियाल समाज कल्याण विभाग में संयुक्त निदेशक के पद पर तैनात थे। आरोप है कि उन्होंने राज्य के एससी-एसटी छात्रों को मिलने वाली छात्रवृत्ति को बिना जांच-पड़ताल के बांटा था।
गीताराम नौटियाल ने दावा किया कि अपने कार्यकाल में उन्होंने सिर्फ़ 16 करोड़ रुपये की छात्रवृत्ति बांटी थी। उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें फंसाया जा रहा है। इस केस के सरकारी वकील संजय गुप्ता ने कहा कि इस मामले की जांच में अभी कुछ और जानकारियां सामने आ सकती हैं और कुछ और लोगों के नाम खुल सकते हैं।