उत्तराखंड में छात्रवृत्ति घोटाले की जांच कर रही एसआईटी ने सेलाकुई स्थित देहरादून इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी (डीआईएमटी) के चेयरमैन और कोषाध्यक्ष को मेरठ से गिरफ्तार किया है। दोनों को न्यायालय में पेश किया गया जहां से इन्हें न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया।अप्रैल 2018 में शासन ने इस घोटाले की जांच को एक एसआईटी का गठन किया था। एसपी मंजूनाथ टीसी की अध्यक्षता में यह एसआईटी लगातार कार्रवाई कर रही है। इसी क्रम में सेलाकुई स्थित डीआईएमटी में भी जांच की जा रही थी। एसपी मंजूनाथ किसी ने बताया कि 2019 में इंस्टीट्यूट के चेयरमैन व अन्य आरोपियों के खिलाफ सहसपुर थाने में मुकदमा दर्ज किया गया था।जांच में पता चला कि वर्ष 2011-12 से 2016-17 तक संस्थान को कुल 3. 29 करोड़ की छात्रवृत्ति प्राप्त हुई थी। इसमें से वर्ष 2011-12 और 2012-13 में 1. 34 करोड़ रुपये से ज्यादा की छात्रवृत्ति अपने खातों में प्राप्त की। इस संस्थान के चेयरमैन डॉ मनोज कुमार निवासी ग्राम कौल, मवाना मेरठ और कोषाध्यक्ष दीपक कुमार निवासी अशोडा हाउस, लाल कुर्ती मेरठ को रविवार दोपहर गिरफ्तार किया गया है। इन दोनों को न्यायालय में भी पेश किया गया। न्यायालय के आदेश पर दोनों आरोपियों को न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया है। जांच में पता चला है कि इन आरोपियों ने छात्रों को मुफ्त में दाखिला देने का झांसा दिया था। इसके बाद कहा था कि संस्थान उन्हें एडमिशन के बारे में फोन पर सूचना दे देगा इस झांसे में आकर सैकड़ों छात्रों ने इन्हें अपने दस्तावेज दे दिए। एससी एसटी के इन छात्रों के प्रवेश दिखाकर यह छात्रवृत्ति डकारी गई। एसआईटी ने जब छात्रों से संपर्क किया तो उन्होंने बताया कि आज तक उन्हें इंस्टीट्यूट से कोई कॉल किया संदेश नहीं आया है।
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