देहरादून। जनरल-ओबीसी वर्ग के कर्मचारियों ने रविवार को राजधानी समेत सभी जिला मुख्यालयों पर बाइक रैली निकाल कर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। कर्मचारियों ने कहा कि सरकार कोरोना की आड़ लेकर दबाव न बनाए। अब चाहे मुकदमा दर्ज कर दे या गिरफ्तार कर जेल में डाल दे, हड़ताल तभी वापस होगी, जब पदोन्नति में आरक्षण खत्म करने का शासनादेश उनके हाथ में होगा। इसके साथ ही उन्होंने प्रदेशभर में चक्काजाम की चेतावनी भी दी। वहीं, सीएम का कहना है कि कर्मचारियों की हठधर्मिता ठीक नहीं।
उत्तराखंड जनरल ओबीसी इंप्लाइज एसोसिएशन के बैनर तले देहरादून, हरिद्वार, पौड़ी, चमोली, ऊधमसिंहनगर, हल्द्वानी, पिथौरागढ़, अल्मोड़ा समेत सभी जिलों और बड़े कस्बों में कर्मचारियों ने बाइक रैली निकाली। देहरादून में विधानसभा के सामने प्रांतीय अध्यक्ष दीपक जोशी, महासचिव वीरेंद्र सिंह गुसाईं और उच्चाधिकार प्राप्त संयोजक मंडल की अगुवाई में रैली निकाली गई। रैली हरिद्वार बाईपास, आइएसबीटी, पटेलनगर, जीएमएस रोड, घंटाघर से फव्वारा चैक होते हुए देर शाम विधानसभा के सामने आकर संपन्न हुई।
रैली के दौरान एट्रोसिटी एक्ट और पदोन्नति में आरक्षण खत्म करने को लेकर सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई। कर्मचारियों ने चेतावनी दी कि शनिवार को कैबिनेट मीटिंग में पदोन्नति में आरक्षण खत्म करने को लेकर चर्चा तक नहीं की गई। यह हठधर्मिता की पराकाष्ठा है। सरकार चाहे तो कुछ ही मिनट में पदोन्नति में आरक्षण खत्म करने का शासनादेश जारी कर सकती है। लेकिन वह अब एससी-एसटी वर्ग के कर्मचारियों के दबाव में है और विशुद्ध रूप से कर्मचारियों के मुद्दे को राजनैतिक रंग दिया जा रहा है।
नहीं चलेंगी अधिकारियों की गाड़ियां
उत्तराखंड जनरल ओबीसी इंप्लाइज एसोसिएशन ने मंगलवार को प्रदेश में भर में चक्काजाम की चेतावनी दी है। तहसील चैक स्थित होटल गौरव के सभागार में पत्रकारों से बातचीत में एसोसिएशन के प्रांतीय अध्यक्ष दीपक जोशी ने बताया कि राजकीय वाहन चालक महासंघ भी हड़ताल में पूर्णरूप से शामिल होने को तैयार है। सचिवालय के अधिकारियों से लेकर विभागों में सरकारी गाड़ियां चलाने वाले राजकीय वाहन चालक मंगलवार से स्टेयरिंग नहीं पकड़ेंगे। साथ ही ऊर्जा और परिवहन निगमों के कर्मचारी संगठनों से भी हड़ताल में शामिल होने के लिए वार्ता की जा रही है। उन्होंने कहा कि 24 मार्च तक सरकार ने हठधर्मिता नहीं छोड़ी तो 25 मार्च को बैठक कर आंदोलन को और तेज करने की रणनीति तैयार की जाएगी।
हड़ताल से स्वास्थ्य सेवाओं को किया बाहर
जनरल ओबीसी कर्मचारियों ने सोमवार से स्वास्थ्य सेवाओं को पूरी तरह से हड़ताल में शामिल करने के निर्णय को टाल दिया है। एसोसिएशन के प्रांतीय अध्यक्ष दीपक जोशी ने कहा कि सरकार कर्मचारियों पर कोरोना की आड़ लेकर कार्रवाई करने के बारे में न सोचे। यह प्रदेश हमारा भी है। इसलिए कोरोना के मद्देनजर स्वास्थ्य सेवाओं को हड़ताल में शामिल नहीं किया जा रहा है, लेकिन अस्पतालों में चिकित्सकों और पैरामेडिकल स्टाफ का दो घंटे का कार्य बहिष्कार बढ़ाकर ढाई घंटे कर दिया गया है। अब वह रोज सुबह आठ से साढ़े बजे तक कार्य से विरत रहेंगे।
कर्मचारियों की हठधर्मिता ठीक नहींः सीएम
प्रदेश में कोरोना को महामारी घोषित करने के बाद मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने हड़ताली कर्मचारियों से आह्वान किया कि वे काम पर लौट आएं। उन्होंने कहा कि हालात का मुकाबला करने के लिए जितनी जिम्मेदारी सबकी है, उतनी ही जिम्मेदारी कर्मचारियों की भी है। ऐसे समय में कर्मचारियों को संवेदनशील होना चाहिए, हठधर्मिता ठीक नहीं है।
सीएम ने कहा कि उनका किसी से कोई बैरभाव नहीं है, आम जन के हित को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जानी चाहिए। रविवार को पौड़ी के सर्किट हाउस में मीडिया से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि कोरोना से राज्य पूरी तरह सुरक्षित है और आगे भी रहेगा। कहा कि सरकार कोरोना से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है। सतर्कता की दृष्टि से ही स्कूल-कॉलेज और सिनेमा हॉल बंद रखने के निर्णय लिए गए हैं। सभी मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए हैं। बता दें कि जनरल ओबीसी कर्मचारी बीती दो मार्च से बेमियादी हड़ताल पर हैं।