देहरादून। कांग्रेस ने प्रदेश में जलविद्युत परियोजनाओं का सुरक्षा के दृष्टिगत आडिट कराने पर जोर दिया है। साथ ही परियोजनाओं में सुरक्षा के मद्देनजर प्रविधान करने की पैरवी की है। पूर्व मुख्यमंत्री व कांग्रेस महासचिव हरीश रावत और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह के नेतृत्व में पार्टी प्रतिनिधिमंडल ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से उनके आवास पर मुलाकात की। मुख्यमंत्री को सौंपे छह सूत्रीय ज्ञापन में प्रतिनिधिमंडल ने जलवायु परिवर्तन और विस्थापन जैसे मुद्दे भी उठाए।
उन्होंने कहा कि इन दोनों ही महत्वपूर्ण मुद्दों के समाधान को सर्वदलीय सहमति के आधार पर सुझाव तैयार केंद्र सरकार को भेजे जाने चाहिए। उन्होंने रैणी व धापा गांवों को विस्थापित करने की मांग की। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वस्त किया कि सरकार इन सब बिंदुओं को लेकर गंभीर है।
प्रतिनिधिमंडल में पूर्व विधायक गणेश गोदियाल, प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष जोत सिंह बिष्ट, प्रभुलाल बहुगुणा, जसबीर रावत व सुशील राठी शामिल थे। उधर, मुख्यमंत्री से मुलाकात के बाद मीडिया से बातचीत में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने बताया कि प्रतिनिधिमंडल ने इकबालपुर चीनी मिल पर गन्ना किसानों का बकाया करीब 250 करोड़ का भुगतान करने की मांग की। उन्होंने गन्ना मूल्य घोषित करने पर जोर दिया है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने प्रदेश सरकार की नई आबकारी नीति पर सवाल उठाए।
उन्होंने कहा कि शराब सिंडिकेट को लाभ पहुंचाने के लिए सरकार ने दो साल के लिए नीति तय की, जबकि अब सरकार का कार्यकाल सिर्फ एक वर्ष शेष है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि जलविद्युत परियोजनाओं के निर्माण में सुरक्षा का विशेष ख्याल रखा जाना चाहिए, ताकि भविष्य में चमोली आपदा जैसी दुर्घटनाएं न घटें।