उपभोक्ताओं के विरोध के बावजूद जल संस्थान ने एक अप्रैल से बढ़े पानी बिलों का वितरण शुरू कर दिया। अप्रैल, मई, जून और जुलाई तक चार माह के बिल वृद्धि के साथ घरों में पहुंच रहे हैं। कोरोनाकाल में आम जनता राहत की उम्मीद कर रही थी, लेकिन पानी के बिलों से उन्हें महंगाई का झटका लगा। महंगाई के इस दौर में पानी की दरों में भी वृद्धि हो गई है।
पानी के घरेलू बिलों में नौ और कॉमर्शियल बिलों में करीब 11 फीसदी की वृद्धि हुई है। यानी आठ सौ से 1100 रुपये आने वाला बिल इस बार बदली हुई राशि के साथ मिलेगा। एक अप्रैल से पानी के बिलों में सालाना वृद्धि होती है। बिलिंग चक्र चार माह का होता है और चार माह की बिलिंग पूरी होने के बाद जल संस्थान ने इसका वितरण शुरू कर दिया है।
जल संस्थान पित्थूवाला में करीब 35 हजार पेयजल उपभोक्ताओं को बिल बंट चुके हैं। मेहूंवाला क्लस्टर योजना के तहत जल संस्थान से अलग 15230 उपभोक्ताओं को जल निगम बढ़ी हुई राशि के बिल भेज रहा है। जल संस्थान पित्थूवाला डिवीजन के ईई राजेंद्र पाल ने बताया कि उपभोक्ताओं ने बढ़ी राशि के बिल भेजने पर आपत्ति जताई है। हालांकि जल संस्थान के हर साल एक निश्चित अनुपात में राशि बढ़ाने का प्रस्ताव पहले से लागू हैइसलिए नए रेट के ही बिल इस बार भी भेजे गए हैं। सामाजिक कार्यकर्ता वीरू बिष्ट ने बताया कि, क्षेत्र में लोग बढ़ी हुई दरों का विरोध कर रहे हैं। जीएम जलसंस्थान प्रशासन नीलिमा गर्ग के अनुसार, जल संस्थान हाउस टैक्स की श्रेणी के आधार पर ही बिल भेजता है। हर साल दरें बढ़ने के बावजूद पानी का मूल्य फिर भी अधिक नहीं है। इसके बाद भी उपभोक्ताओं को राहत देना शासन स्तर का नीतिगत मसला है।