जस्ट डायल से 15 हज़ार के विदेशी नस्ल के कुत्ते के बदले 66 लाख की ठगी को अंजाम देने वाले गिरोह के मुख़्य विदेशी सरगना कैमरुन हिरासत में।

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जस्टडायल पर कुत्ता उपलब्ध कराने वाले व्यक्ति के रूप में उन्हें जिसका फोन नंबर मिला, वह साइबर ठग निकला।विदेशी नस्ल के कुत्ते के बदले कैमरून अंतराष्ट्रीय साइबर आरोपी है और उत्तराखंड एसटीएफ ने इसको एक बड़ी ठगी के आरोप में गिरप्तार किया है, यह देशभर में ठगी की घटनाओं को अंजाम दे रहा थाविदेशी नस्ल के कुत्ते के बदले कैमरून अंतराष्ट्रीय साइबर आरोपी है और यह देशभर में ठगी की घटनाओं को अंजाम दे रहा था आरोपी ने घटना को अंजाम देने के लिए जस्ट डायल की फेक वेबसाइट और फेक मोबाइल नंबर का इस्तेमाल किया था। इस पूरी ठगी को फेक वेबसाइट बनाकर अंजाम दिया गया 1 महीने के अंदर डॉग बेचने के नाम पर आरोपियों द्वारा 15000 के बदले 66 लाख रुपए अलग-अलग बैंक खातों में मंगावाए गए। आरोपी द्वारा इस पैसे को कहां का ट्रांसफर किया गया इसकी जांच की जा रही है फिलहाल आरोपी के खातों में 13 लाख की धनराशि को फ्रीज़ कर दिया गया है और कितने लोग इस ठगी में शामिल है इसका भी पता लगाया जा रहा है।

15 हज़ार के विदेशी नस्ल के कुत्ते के बदले 66 लाख की ठगी को अंजाम देने वाले गिरोह के मुख़्य सरगना कैमरुन को उत्तराखंड पुलिस की एसटीएफ ने बेंगलुरु से अरेस्ट किया है ,,,कैमरून अंतराष्ट्रीय साइबर आरोपी है और देशभर में ठगी की घटनाओं को अंजाम दे रहा था ,,, आरोपी ने घटना को अंजाम देने के लिए जस्ट डायल की फेक वेबसाइट और फेक मोबाइल नंबर का इस्तेमाल किया था बताते चले कि आरोपियो द्वारा देहरादून मोथोरोवाला निवासी आरती रावत को ₹15 हजार में विदेशी नसल का कुत्ता बेचने के बदले महिला से बीमा शुल्क और अन्य शुल्क के नाम पर 66 लाख रुपये अलग-अलग बैंक खातों में लेकर धोखाधड़ी की घटना को अंजाम दिया गया 13 खातों में 30 बार आरोपियो द्वारा ठगी की रकम ली गई ,,, जानकारी देते हुए पुलिस प्रवक्ता डीआईजी नीलेश भरणे ने बताया कि इस पूरी ठगी को फेक वेबसाइट बनाकर अंजाम दिया गया 1 महीने के अंदर डॉग बेचने के नाम पर आरोपियों द्वारा 15000 के बदले 66 लाख रुपए अलग-अलग बैंक खातों में मंगावाए गए,,, आरोपी द्वारा इस पैसे को कहां का ट्रांसफर किया गया इसकी जांच लगातार की जा रही है फिलहाल आरोपी के खातों में 13 लाख की धनराशि को फ्रीज़ कर दिया गया है और कितने लोग इस ठगी में शामिल है इसका पता लगाया जा रहा है।

-नीलेश भरणे ( उत्तराखण्ड पुलिस प्रवक्ता)

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