देहरादून। उत्तराखंड में निवासरत बंगाली समुदाय के व्यक्तियों के जाति प्रमाण पत्र पर अंकित पूर्वी पाकिस्तान शब्द हटा दिया गया है। इसमें पूर्वी बंगाल शब्द भी अंकित नहीं होगा। इसके साथ ही इन्हें पूर्व की भांति छात्रवृत्ति भी प्राप्त होती रहेगी। कैबिनेट ने बीते रोज बंगाली समुदाय के जाति प्रमाण पत्र से पूर्वी पाकिस्तान शब्द हटाने का निर्णय लिया था। दरअसल, प्रदेश में पूर्वी पाकिस्तान (अब बंगलादेश) से बड़ी संख्या में शरणार्थी उत्तराखंड में भी आए थे। उत्तराखंड में इनकी संख्या वर्तमान में तकरीबन पौने तीन लाख है। बंगाली समुदाय के नम:शूद्र, पौंड, माझी जाति के छात्र-छात्राओं को जारी होने वाले प्रमाण पत्र में पूर्वी पाकिस्तान शब्द अंकित होता है, जिसे हटाने के लिए बंगाली समुदाय के जनप्रतिनिधियों द्वारा समय-समय पर अनुरोध किया जाता रहा है।
बीते सोमवार को हुई कैबिनेट बैठक में इस पर चर्चा हुई। जो पत्रावली बैठक में प्रस्तुत हुई, उसमें पूर्वी पाकिस्तान शब्द हटाकर इसके स्थान पर पूर्वी बंगाल शब्द शामिल करने का प्रस्ताव रखा गया। इसे लेकर कैबिनेट में काफी मंथन हुआ। अंत में निर्णय लिया गया कि जाति प्रमाण पत्र पर न तो पूर्वी पाकिस्तान और न ही पूर्वी बंगाल शब्द अंकित किया जाएगा। कैबिनेट के इस निर्णय का बंगाली समुदाय ने स्वागत किया है। विधायक सितारगंज सौरभ बहुगुणा के नेतृत्व में प्रदेश के विभिन्न स्थानों से आए बंगाली समुदाय के प्रतिनिधियों ने इसके लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का आभार प्रकट किया।