पांच साल भाजपा सरकार बातें कम काम ज्यादा का नारा लगाकर विकास कार्यों को कराने पर जोर देती रही। चुनावी रेखा पर खड़ी सरकार अब नारे को साकार रूप देने के लिए बातें कम काम ज्यादा का स्लोगन लेकर मेले का आयोजन कर रही है। मेले के जरिए लोगों तक सरकार की चलाई जा रही योजनाओं के प्रचार प्रसार के लिए सरकार ने प्रत्येक विधान सभा में 12-12 लाख रुपये दिए हैं। जो लोगों में चर्चा का विषय बनी हुई है। विपक्ष भी इसके मुद्दा बनाने में जुट गया है।
भाजपा की प्रदेश सरकार ने गठन के बाद ही जीरो टालरेंस व बातें कम काम ज्यादा के स्लोगन देते हुए काम शुरू किया था। अंतिम दिनों में सरकार योजनाओं के प्रचार प्रसार में कोई कमी नहीं छोडऩा चाहती है। यही वजह है कि सरकार ने 70 विधानसभाओं में एक साथ एक दिन यानि सात जनवरी को बातें कम काम ज्यादा स्लोगन के लिए वृहद मेले का आयोजन करने जा रही है। इसके लिए सभी विधान सभाओं में वृहद तैयारी की जा रही है। यही नहीं मेले की तैयारियों के लिए सरकार द्वारा 70 विधानसभाओं के लिए 8.40 करोड़ रुपये रिलीज किए हैं। जिसमें एक विधानसभा को करीब 12 लाख रुपये मिले हैं। इस धनराशि का उपयोग मेले में लगने वाले टेंट, फर्नीचर, विद्युत, साउंड, परिवहन, जलपान व प्रचार प्रसार एवं प्रकाशन में किया जाना है। टनकपुर के गांधी मैदान में एसडीएम हिमांशु कफल्टिया व लोहाघाट के जवाहर पार्क में एसडीएम केएस गोस्वामी के नेतृत्व में वृहद तैयारी की जा रही है। मेले में सभी विभागों के स्टाल लगाकर लोगों को विकास कार्यों की जानकारी देते हुए उनका प्रचार प्रसार किया जाएगा।
जिलाध्यक्ष कांगेस पूरन कठायत ने कहा कि भाजपा सरकार को चुनाव से पूर्व बातें कम काम ज्यादा स्लोगन की याद आई। विकास कार्यों को बताने के लिए 12-12 लाख रुपये प्रत्येक विधानसभा में खर्च कर सरकार जनता के पैसों की बर्बादी कर रही है। भाजपा ने कार्य ही क्या किए हैं। जो वह जनता को बताएगी। भाजपा ने सिर्फ जनता को ठगने का कार्य किया है। जो कार्य किए हैं वह जनता को दिख रहा है। यह झूठा प्रोपेगेंडा रचने का क्या फायदा।