हल्द्वानी : फतेहपुर रेंज के आदमखोर बाघ को तलाशने के लिए बुधवार सुबह गुजरात के जामनगर स्थित चिडिय़ाघर की टीम भी जंगल में पहुंच गई। तीस सदस्यीय टीम में चिकित्सकों से लेकर फार्मासिस्ट भी शामिल है। जामनगर से आया दल उन सभी घटनास्थलों का मौका-मुआयना करने में जुटा है। जिस जगह पर अभी तक बाघ ने लोगों को निशाना बनाया।
वहीं, फतेहपुर रेंज से सटे आबादी क्षेत्र के लोगों को जंगल में जाने से रोकने के लिए अब वनकर्मियों की संख्या बढ़ा दी गई है। 80 की बजाय 130 वनकर्मी जंगल के बार्डर पर जुटाए गए हैं। तराई पश्चिमी वन प्रभाग का स्टाफ भी तैनात किया गया है। गुरुवार को अन्य डिवीजनों का फोर्स भी पहुंच जाएगा।
फतेहपुर रेंज का बाघ पांच लोगों की अभी तक जान ले चुका है। जबकि एक व्यक्ति को गुलदार ने मौत के घाट उतारा था। जिसके बाद से बाघ को ट्रैंकुलाइज करने का अभियान चल रहा है। लेकिन खास सफलता नहीं मिली। वहीं, अभियान को और तेज करने के लिए चार दिन पहले बाहर से शिकारी भी बुला लिए गए। मगर वह जंगल क्षेत्र में बाघ को नहीं मारेंगे।
रेंजर केएल आर्य ने बताया कि स्थानीय ट्रैंकुलाइज टीम संग सुबह ही जामनगर से पहुंची टीम जंगल को रवाना हो गई थी। अभियान में पर्याप्त संख्या में स्टाफ मिलने से बाघ की तलाश अब और तेज की जाएगी। इधर, छह लोगों की मौत होने की वजह से वन मुख्यालय भी इस अभियान पर नजर बनाए हुए हैं।