देहरादून । जौलीग्रांट एयरपोर्ट के विस्तारीकरण का खाका तैयार कर प्रस्ताव केंद्र को भेज दिया है। करीब 285 करोड़ की लागत से होने वाले विस्तारीकरण कार्य के लिए एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के माध्यम से भूमि का अधिग्रहण किया जाएगा।
विस्तारीकरण के बाद जौलीग्रांट एयरपोर्ट से अंतरराष्ट्रीय हवाई सेवाएं शुरू हो सकेंगी। अभी तक जौलीग्रांट से दिल्ली, मुंबई, जयपुर, वाराणसी समेत अन्य शहरों के लिए हवाई सेवाएं संचालित हैं। जौलीग्रांट एयरपोर्ट को अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार विकसित करने के लिए 60 मीटर चैड़ा और 270 मीटर लंबा रेनवे का विस्तारीकरण किया जाना है। इसके लिए करीब 105 हेक्टेयर भूमि चिन्हित की गई।
इस भूमि का अधिग्रहण करने के बाद ही विस्तारीकरण का काम शुरू हो पाया है। प्रदेश सरकार ने सरकारी और निजी भूमि का चयन करने के बाद केंद्र को प्रस्ताव भेज दिया है। सरकार का कहना है कि एयरपोर्ट का विस्तार केंद्रीय नागरिक उड्डयन प्राधिकरण के माध्यम से किया जाना है। चिन्हित भूमि का अधिग्रहण भी प्राधिकरण ही करेगा। विस्तारीकरण पर लगभग 285 करोड़ खर्च होने का अनुमान है।
अभी तक जौलीग्रांट एयरपोर्ट अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार न होने के कारण यहां पर कम सीटर के विमानों का संचालन होता है। अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट बन जाने के बाद जौलीग्रांट से वियतनाम, कंबोडिया, दुबई समेत गल्फ कंट्री समेत अन्य देशों के लिए सीधी हवाई सेवा शुरू हो सकती है। इससे उत्तराखंड में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।
1800 हो जाएगी एयरपोर्ट में यात्रियों की क्षमता
जौलीग्रांट एयरपोर्ट में वर्तमान में यात्रियों के बैठने की क्षमता 150 से 200 तक है। विस्तारीकरण योजना में एयरपोर्ट की क्षमता 1800 यात्रियों की हो जाएगी। वहीं, बड़े विमान भी जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर उतर सकेंगे।
जौलीग्रांट एयरपोर्ट के विस्तारीकरण का खाका तैयार कर प्रस्ताव केंद्र को भेजा जाएगा। भूमि अधिग्रहण के लिए एयरपोर्ट अथारिटी आफ इंडिया से भी बातचीत चल रही है। -दिलीप जावलकर, सचिव, नागरिक उड्डयन