राजस्थान की एक युवती को एक युवक गांधी अस्पताल में छोड़कर चला गया। युवती ने इस युवक को गांव का डॉक्टर बताया और उसके इंजेक्शन लगाने से आंख की रोशनी चले जाने की बात कही। पुलिस परिजनों से संपर्क कर पूरी जानकारी हासिल कर रही है। युवती की गुमशुदगी वहां दर्ज है और वहां की पुलिस परिजनों संग दून रवाना हो गई है। सोमवार दोपहर एक युवती कार से युवक के साथ आंख का उपचार कराने पहुंची। उसने पहले नेत्र रोग विशेषज्ञ को दिखाया। फिर महिला डॉक्टर के पास चले गए। दोनों के बीच कुछ बहस हो रही थी। युवती के विरोध करने पर वहां कुछ लोग जमा हो गए और पुलिस को सूचना दी।
चीता पुलिस के कांस्टेबल गोपाल और राहुल मौके पर पहुंच गए। उन्हें युवती ने बताया कि वह राजस्थान के जिला पाली के बलडा गांव की है। वह मां के साथ रहती है। दस दिन पहले गांव में ही एक डॉक्टर बद्री नारायण के पास वह दवाई लेने गई थी। वहां एक इंजेक्शन लगाने के बाद से उसे दिखाई देना बंद हो गया। फिर युवक उसे कभी ऋषिकेश तो कभी दून होने की बात कहता रहा। वह किसी और डॉक्टर के यहां दिखाने को कहता। सोमवार को अस्पताल लाया तो युवक से वह अपने घर बात कराने को कह रही थी। लेकिन, उसने ऐसा नहीं किया। युवती इसका विरोध कर रही थी। युवक फंसने के डर से गाड़ी छोड़कर भाग गया।
उधर, डॉक्टरों ने युवती की आंख में दवा डाली और दो दिन बाद दिखाने के लिए कहा। पुलिस ने परिजनों से संपर्क किया तो पता चला कि 18 जून को उसकी गुमशुदगी दर्ज है। इंस्पेक्टर डालनवाला मणिभूषण श्रीवास्तव ने बताया कि राजस्थान पुलिस से बात हुई है। वहां पर गुमशुदगी दर्ज है। पुलिस वहां से परिजनों को लेकर चल दी है। युवती को थाने में रखा गया है और गाड़ी कब्जे में ले ली है। राजस्थान पुलिस देर रात तक दून पहुंच जाएगी। उसके बाद अग्रिम कार्रवाई की जाएगी।
ब्लैक फंगस होने की बात कही:युवती ने बताया कि जब उसने गांव के डॉक्टर से आंख से दिखाई नहीं देने की बात कही तो उसने कहा कि उसे ब्लैक फंगस हो गया है और वह उसका इलाज कराने यहां लाया है। लेकिन, उसके घर पर उसकी बात नहीं कराई गई।
नाम भी गलत बताया:युवक ने युवती का नाम भी अस्पताल में गलत बताया। वहीं एक फाइल कार से मिली है। जिसमें नर्मदा नामक मरीज की फाइल मिली है, जिसे कई अस्पतालों में दिखाया गया है। पुलिस ने फाइल अपने कब्जे में ले ली है।