देहरादून। स्वास्थ्य महानिदेशक ने बताया कि राज्य में टीकाकरण के लिए पहले चरण में 2118 एएनएम को चिह्नित कर प्रशिक्षित किया गया है। इसके अलावा 6509 वैक्सीनेटर भी तैयार रखे गए हैं। इनमें एमबीबीएस डॉक्टर, बीडीएस डॉक्टर, स्टाफ नर्स, फार्मेसिस्ट सहित कई संवर्ग के लोग शामिल हैं। उन्होंने कहा कि प्राइवेट हेल्थ सेक्टर का भी इसमें सहयोग लिया जा रहा है। टीकाकरण की निगरानी के लिए राज्य में 202 पर्यवेक्षक और 120 अतिरिक्त पर्यवेक्षक तैनात किए गए हैं।
आपात स्थिति से निपटने को सभी इंतजाम
यदि टीकाकरण के दौरान किसी के स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ता है तो उससे निपटने के लिए भी पर्याप्त इंतजाम किए जा रहे हैं। हर बूथ पर 108 आपातकालीन सेवा एंबुलेंस और आवश्यक इमरजेंसी दवाएं मौजूद रहेंगी। इसके साथ ही आसपास के अस्पतालों को भी हाई अलर्ट पर रहने के निर्देश दिए गए हैं। टीकाकरण के बाद लाभार्थी सेंटर पर लिखित रूप में अपनी राय भी दर्ज करेगा।
कोई न लगाना चाहे तो इजाजत
स्वास्थ्य महानिदेशक ने बताया कि कोरोना वैक्सीन पूरी तरह सुरक्षित है। लेकिन यदि कोई वैक्सीन नहीं लगाना चाहता है तो टीकाकरण केंद्र में स्वास्थ्य कर्मियों को यह जानकारी दे सकता है। उन्होंने कहा कि ऐसे व्यक्तियों को बाद में टीका लगाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि कोविन साफ्टवेयर ऐसे बूथों पर ऑफ लाइन काम करेगा जहां इंटरनेट की कनेक्टिविटी नहीं होगी।
वैक्सीन लगने के बाद 30 मिनट की निगरानी
वैक्सीनेशन के लिए हर जगह तीन कक्ष तैयार किए जा रहे हैं। एक कक्ष में लाभार्थी शारीरिक दूरी के नियमों के मुताबिक अपनी बारी का इंतजार करेंगे, जबकि दूसरे कक्ष में वैक्सीनेशन किया जाएगा। तीसरा कक्ष वैक्सीनेशन के बाद संबंधित व्यक्तियों को 30 मिनट तक निगरानी में रखा जाएगा, जिससे किसी भी तरह का साइड इफेक्ट पाए जाने पर उसका उपचार किया जा सके।
इस तरह संचालित होगी व्यवस्था
– टीकाकरण (वैक्सीनेशन) के लिए पांच कार्मिक तैनात रहेंगे।
– टीकाकरण अधिकारी (एक) मेन गेट पर लाभार्थियों के मोबाइल पर आए मैसेज का अपनी सूची से मिलान करेंगे।
– यह सुनिश्चित किया जाएगा कि टीकाकरण के लिए आने वाले व्यक्ति अस्वस्थ न हों, उनमें किसी तरह के लक्षण न दिख रहे हों।
– टीकाकरण अधिकारी (दो) एक स्थल पर 100 व्यक्तियों के टीकाकरण की व्यवस्थाएं बनाएंगे और सभी के नाम का मिलान उनके आइडी प्रूफ से करेंगे।
– टीकाकरण अधिकारी (कुल तीन) लाभार्थियों को टीकाकरण के लाभ बताने से लेकर टीकाकरण की व्यवस्था बनाने और टीकाकरण के बाद उनकी निगरानी का काम करेंगे।