डीएवी में छात्रों का हंगामा, ऋषिकेश में एक छात्र और एक छात्रा पानी की टंकी पर चढ़े

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छात्रसंघ चुनाव कराने पर असमर्थता के सरकार के हाईकोर्ट में दिए गए जवाब के बाद डीएवी कॉलेज में छात्रों ने हंगामा कर दिया। छात्रों की ओर से कॉलेज का मुख्य गेट बंद करने से कई छात्र बाहर ही रह गए। विभिन्न संगठनों से जुड़े छात्रों ने हंगामा कर कॉलेज बंद करा दिया। साथ ही वहीं धरने पर बैठ गए। उन्होंने सरकार पर चुनाव ना कराने की मंशा का आरोप लगाया।

प्रदर्शनकारी छात्रों ने चेतावनी देते हुए कहा, अगर सरकार ने इस मामले में कोई कदम नहीं उठाया तो छात्र आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे। छात्रों ने आरोप लगाते हुए कहा, सरकार छात्रसंघ चुनाव को लेकर गंभीर नहीं थी। वहीं दूसरी तरफ ऋषिकेश में छात्रसंघ चुनाव स्थगित होने के विरोध में श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय के ऋषिकेश परिसर में एक छात्र और एक छात्रा पानी की टंकी पर चढ़ गए, जिसके बाद यहां पुलिस-प्रशासन के हाथ-पांव फूल गए।

पुलिस प्रशासन और विश्वविद्यालय के अधिकारी मौके पर मौजूद हैं। छात्र-छात्रा को समझने प्रयास का किया जा रहा है। वहीं चिन्यालीसौड़ में भी छात्र संघ चुनाव निरस्त होने पर छात्रों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। चार छात्र इस दौरान महाविद्यालय भवन की छत पर चढ़ गए। प्राचार्य प्रो प्रभात द्विवेदी ने छात्रों को नीचे उतरने को कहा, लेकिन छात्र अपनी मांग पर अड़े हैं। उधर कर्णप्रयाग में छात्रों का प्रदर्शन जारी है।

उत्तराखंड हाईकोर्ट ने राजकीय विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में छात्रसंघ चुनाव को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की। मामले की सुनवाई करते हुए कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी और न्यायमूर्ति विवेक भारती शर्मा की खंडपीठ ने राज्य सरकार के शासनादेश के आधार पर जनहित याचिका को निस्तारित कर दिया है।

बता दें कि, देहरादून निवासी सामाजिक कार्यकर्ता महिपाल सिंह ने समाचारपत्रों में 25 अक्तूबर को राजकीय विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में छात्रसंघ चुनाव कराए जाने की खबर को आधार बनाते हुए हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा था कि राज्य सरकार ने 23 अप्रैल 2024 को एक शैक्षणिक कैलेंडर जारी किया था।

इसमें छात्रसंघ चुनाव 30 सितंबर 2024 तक कराने का निर्देश दिया गया था। इसके बावजूद विश्वविद्यालय प्रशासन ने समय पर चुनाव नहीं कराए और ना ही शासन से दिशा-निर्देश प्राप्त किए, जो लिंगदोह समिति की सिफारिशों का उल्लंघन है। इससे छात्रों की पढ़ाई में असर पड़ रहा है।

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