उत्तराखंड के सबसे बड़े डीएवी पीजी कॉलेज का छात्रसंघ चुनाव इस साल दिलचस्प हो गया है। महासचिव पद पर जीत का रिकॉर्ड कायम करने वाले आर्यन छात्र संगठन ने इस बार अध्यक्ष पद पर दावा ठोक दिया है। इस पद पर 14 साल से एबीवीपी या उसके बागियों का कब्जा रहा है।
डीएवी छात्रसंघ चुनाव के इतिहास पर नजर डालें तो बीते 14 साल से अध्यक्ष पद पर एबीवीपी का ही कब्जा है। हर साल कोशिश करने के बावजूद नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआई) के हाथों से जीत दूर है। इस साल नए सिरे से एबीवीपी के सामने एनएसयूआई ने दम तो ठोका है, लेकिन करीब 12 साल से महासचिव पद पर जीत का रिकॉर्ड बना रहे आर्यन संगठन ने मुकाबले को दिलचस्प बना दिया है।
कभी महासचिव पद पर आर्यन के प्रत्याशी को मिलने वाले वोट का लाभ अपेक्षाकृत एबीवीपी को मिलता रहा है। ऐसे में इस बार देखने वाली बात होगी कि आर्यन संगठन एबीवीपी व एनएसयूआई के सामने अपनी झोली में कितने वोट डाल पाएगा। क्या एबीवीपी का विजय रथ रुकेगा या एनएसयूआई को जीत नसीब होगी? क्या आर्यन महासचिव के बजाए अध्यक्ष पद पर जीत दर्ज करेगा? सात नवंबर को मतगणना के साथ ही इन दिलचस्प सवालों का जवाब मिलेगा।
ये हैं अध्यक्ष पद के दावेदार
यशवंत पंवार (एबीवीपी), राहुल जग्गी (एनएसयूआई), सिद्धार्थ अग्रवाल (आर्यन)
परिषद पूरे साल छात्रों के बीच में रहता है। छात्र हितों के लिए काम करता है। मेरिट के आधार पर प्रवेश समेत कई मुद्दों पर परिषद ने लड़ाई लड़ी है। रही बात चुनाव की तो महासचिव पद पर संगठन का प्रत्याशी निर्विरोध हो गया है। इसके साथ ही जीत का रास्ता खुल गया है। परिषद छात्रों को अनुशासन व संस्कार सिखाता है। आने वाले दिनों में परिषद के विचार व कामों को छात्रों के बीच पहुंचाएंगे।- ममता सिंह, प्रदेश अध्यक्ष एबीवीपी
भले ही इस बार अध्यक्ष पद पर त्रिकोणीय मुकाबला हो रहा हो। लेकिन हमारी लड़ाई सिर्फ एबीवीपी से है। इस बार जीत के लिए अलग से रणनीति बनाई गई है। संगठन छात्र हितों के लिए काम करता आ रहा है। आगे भी छात्र हितों के लिए छात्रों के साथ मिलकर काम किया जाएगा। रही बात अध्यक्ष पद पर जीत की तो निश्चित तौर पर हमारी जीत होगी।- विकास नेगी, अध्यक्ष एनएसयूआई
आर्यन छात्रों का संगठन है। हम सिर्फ छात्रों की बात करते हैं। यही वजह है कि 12 साल से महासचिव पद पर हमें जीत मिली है। छात्रों के साथ चर्चा करने के बाद ही इस बार अध्यक्ष पद पर दावेदारी की है। टीम अच्छी होने के साथ हमारा प्रत्याशी भी मेहनती है। छात्रों के बीच उसकी एक अलग छवि है। बदलाव जरूरी है। विशेष तैयारियों के साथ अध्यक्ष पद पर दावेदारी की है।- राकेश नेगी, संस्थापक, आर्यन छात्र संगठन