डोईवाला में अवैध खनन के खेल का भंडाफोड़.

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देहरादून stf की टीम ने अवैध खनन के खेल का राजधानी के डोईवाला में भांडा फोड़ किया है।दिनाक 14 जुलाई 2020 को श्रीमति रश्मि प्रधान नोडल अधिकारी भूतत्व एंव खनिकर्म अधिकारी के तहरीर के आधार पर मु0अ0 संख्या- 19/2020 धारा 66, 66सी आई0टी0 एक्ट साईबर क्राईम पुलिस स्टेशन में पंजीकृत हुआ । वादनी श्रीमति रश्मि प्रधान द्वारा अवगत कराया गया कि वह स्वंय भूतत्व एंव खनिकर्म विभाग के नोडल है और उनके द्वारा बताया गया कि एक अवैध खनन का मामला प्रकाश में आया है. जिसमें विभाग की ई रवन्ना पोर्टल के माध्यम से एक फर्जी आई0डी0 संख्या MO61022325 का प्रयोग करके अवैध खनन किया जा रहा हैफर्जी आई0डी0 का डेटा / विवरण भी अज्ञात लोगो द्वारा डिलिट(नष्ट) कर दिया गया है। श्रीमती रिधिम अग्रवाल, पुलिस उपमहानिरीक्षक, एस0टी0एफ0 के विशेष निर्देशन में श्री स्वतन्त्र कुमार अपर पुलिस अधीक्षक एसटीएफ के निकट पर्यवेक्षण मे इस प्रकरण को थाना साईबर क्राईम को सौंपते हुये अपराध का सफल अनावरण करने एंव अभियुक्तों की गिरफ्तारी उपरोक्त कार्य को आवंटित किया गया था।जिसकी विवेचना निरीक्षक श्री अमर चन्द शर्मा के सुपुर्द की गयी। विवेचना ग्रहण कर शीघ्र ही विवेचक द्वारा तत्वरियता एंव गहनता से अभियोजन में तफतीश आरम्भ की गयी। अभियोग में फर्जी आई0डी0 संख्या MO61022325 विक्रम सिंह बिष्ट के नाम से पंजीकृत है । इस आई0डी0 से एक सेल पर्चेस आर्डर सतीश लोधी के नाम का निकाला गया है जिससे की अवैध खनन का कार्य करने का अपराध स्पष्ट होता है।दौराने विवेचना यह बात प्रकाश में आयी की उपरोक्त आईडी से Purchaser सतीश लोधी उपरोक्त ST60011664 के विवरण प्राप्त हुये है एव अनुज पाल सतीश लोधी उपरोक्त का एकाउन्टेंट एवं अनुचित लाभ का साथी है तथा दलीप सिंह उपरोक्त का एनआईसी विभाग के अधिकारी/कर्मचारी से लगातार सम्पर्क रहा है जिसका दौराने विवेचना सम्पर्क होना ज्ञात हुआ है । अभियुक्तगणो ने बताया कि एनआईसी उत्तराखण्ड के किसी अधिकारी/कर्मचारी से उनकी मुलाकात हुयी जिन्होने अभियुक्तगणो को यह भरोसा दिलाया कि खनन विभाग का ई रवन्ना पोर्टल व्यक्तिगत तौर पर उनके द्वारा ही तकनीकी रुप से संचालित किया जाता है, जिससे की फर्जी आईडी बनाकर अनुचित लाभ प्राप्त करने की योजना बनी। जिसके बाद अभियुक्तगणो ने एक राय होकर इस आपराधिक कार्य को अंजाम दिया, इस फर्जी अवैध खनन से होने वाले अनुचित लाभ को अभियुक्तगण आपस में बांटते है । चूंकि अभियुक्तगणो द्वारा कूचरचित दस्तावेज तैयार कर एक राय होकर फर्जी आईडी तैयार कर लाभ प्राप् किया गया है एवं साक्ष्यो को नष्ट भी किया गया है, अतः अभियोग में धारा संशोधन करते हुए भाद0वि0 की धाराएं 120,467,468,471,201,120बी की वृद्धि की जाती है। अभियुक्तगणो को उनके जुर्म धारा 420, 467, 468, 471, 201, 120बी भादवि 66, 66सी आईटी एक्ट से अवगत कराते हुये आज दिनांक को गिरफ्तार किया गया

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