खतरे के साये में जी रहे हैं 14 सौ परिवार, मानसूनी बरसात में ऑल वेदर रोड पर भी भूस्खलन

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उत्तराखंड में इस मानसून सीजन में भारी बारिश और भूस्खलन से 1575 परिवार आपदा की जद में आ गए हैं। इसमें से 162 परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया, जबकि 1413 परिवार अभी भी ऐसे संवेदनशील स्थानों पर रहने को मजबूर हैं। कभी भी इन परिवारों पर भूस्खलन का खतरा मंडरा सकता है। चार धाम यात्रा को सुरक्षित बनाने के लिए बनाई गई ऑल वेदर रोड भी इस मानसून सीजन में भूस्खलन की बड़ी वजह बन रही है। अकेले आल वेदर रोड की वजह से विभिन्न जिलों में लगभग 1100 परिवार प्रभावित हुए हैं। यदा-कदा इन घरों के ऊपर मानसून सीजन में पत्थर भी गिरते रहते हैं।

308 गांव अति संवेदनशील
राज्य में बारिश की वजह से भूस्खलन वैसे तो हर गांव की कहानी है। लेकिन 308 गांव ऐसे हैं जिन्हें संवेदनशील घोषित किया जा चुका है। लेकिन बजट के अभाव में इन गांवों का अभी तक विस्थापन नहीं हो पाया है। राज्य सरकार पिछले कई सालों से राज्य में आपदा प्रभावित गांवों के विस्थापन के लिए केंद्र से बजट की मांग करती रही है लेकिन यह मांग आज तक पूरी नहीं हो पाई है। हां इस बार 15 वें वित्त आयोग ने जरूर राज्य के आपदा मद के बजट को बढ़ाया है।

उत्तरकाशी: जिले पर पड़ी सबसे बड़ी मौसम की मार 
मानसून में आपदा की सबसे बड़ी मार उत्तरकाशी जिले पर पड़ी है। उत्तरकाशी में कुल 1400 के करीब परिवार प्रभावित हुए हैं जिसमें से 335 परिवार हाल में मांडो, निराकोट, कंकराड़ी और मसताड़ी में  आई आपदा की वजह से प्रभावित हुए हैं। जबकि 65 अन्य परिवार विभिन्न गांवों में भूस्खलन से प्रभावित हुए हैं। ऑल वेदर रोड ने उत्तरकाशी चुंगी बड़ेथी से चम्बा तक लगभग एक हजार के करीब परिवारों को प्रभावित किया है।

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