कोविड संक्रमण से बचने के लिए वैक्सीन की दूसरी डोज लगवानी जरूरी है। तभी संक्रमण के खतरे से सुरक्षित रह सकते हैं। उत्तराखंड में वैक्सीन की दूसरी डोज की तारीख गुजरने के बाद भी लगभग चार लाख लोगों ने वैक्सीन नहीं लगवाई है। बीते आठ महीनों में अब तक 28 प्रतिशत को दूसरी डोज लग पाई है। जबकि दोनों डोज लगवाने वालों में संक्रमण दर काफी कम है। प्रदेश में 18 से अधिक आयु वर्ग में 77.29 लोगों को कोविड वैक्सीन लगाई जानी है। इसमें पांच सितंबर तक 67.50 लाख को पहली और 21.61 लाख को वैक्सीन की दूसरी डोज लग चुकी है। केंद्र सरकार ने कोविशील्ड वैक्सीन की दूसरी डोज के लिए 84 दिन और कोवॉक्सिन लगवाने के लिए 28 दिन का समय तय किया है।
प्रदेश में वैक्सीन की पहली डोज लगवा चुके लगभग चार लाख लोगों ने तारीख आने के बाद भी दूसरी डोज नहीं लगवाई है। जबकि प्रदेश में वैक्सीन की कोई कमी नहीं है। सभी जिलों के पास 12.37 लाख टीकों का स्टॉक उपलब्ध है। जिसमें 1.22 लाख कोवाक्सिन और 11.15 लाख कोविशील्ड वैक्सीन शामिल हैं।
राज्य प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. कुलदीप सिंह मर्तोलिया ने बताया कि केरल समेत अन्य राज्यों में कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं। जहां पर यह देखा गया कि वैक्सीन की दोनों डोज लगवाने वालों के लिए संक्रमण घातक नहीं है। ब्रेक थ्रू इंफेक्शन (दो डोज लगाने के बाद संक्रमित होना) से मरीज के अस्पताल में भर्ती करने या मौत की संभावना काफी कम है। उन्होंने लोगों से अपील की है जिन लोगों ने वैक्सीन की पहली डोज लगवाई है। वे दूसरी डोज अवश्य लगाएं। जिससे संक्रमण से सुरक्षा कवच मिल सके।
टीके लगवाने के लिए स्लाट लेने का झंझट खत्म
स्वास्थ्य विभाग ने वैक्सीन लगवाने के लिए स्लाट बुक कराने की अनिवार्यता को समाप्त कर दिया है। जिन लोगों को पहली या दूसरी डोज नहीं लगी है, वे नजदीकी टीकाकरण केंद्रों में जाकर बिना स्लॉट के टीके लगवा सकते हैं।