देहरादून। प्रदेश सरकार लॉकडाउन टू समाप्त होने के बाद प्रदेश में शुरू की जाने वाली गतिविधियों को लेकर प्लानिंग कर रही है। तीन मई को समाप्त होने वाले लॉकडाउन के बाद सरकार नौ पर्वतीय जिलों में आंशिक राहत देने की पैरवी केंद्र से करेगी।
आर्थिक गतिविधियों को शुरू करने और छोटे व्यापारियों की कमाई के साधनों को लेकर भी कार्ययोजना बनाई जानी है। प्रदेश को क्या राहत मिल पाती है। इसकी तस्वीर 27 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मुख्यमंत्रियों से होने वाली वीडियो कांफ्रेंसिंग के बाद ही साफ होगी।
प्रदेश में कोरोना संक्रमण की रोकथाम को लेकर उठाए प्रभावी कदमों का असर दिख रहा है। प्रदेश में कोरोना अभी पहली स्टेज से आगे नहीं बढ़ा है। सात जिले उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग, चंपावत, टिहरी, बागेश्वर और पिथौरागढ़ में अभी तक एक भी मामला नहीं आया। पौड़ी और अल्मोड़ा में एक-एक मामला आया था। लेकिन तीन सप्ताह से वहां नया केस नहीं आया है। चार संवेदनशाील जिलों में सख्ती रखी जाएगी।
सरकार ने लॉकडाउन के पहले चरण के समाप्त होने पर केंद्र को इन जिलों में आंशिक राहत देने का प्रस्ताव भेजा था। लेकिन सरकार ने स्वीकार नहीं किया। केंद्र की गाइड लाइन में राज्य को कुछ आंशिक राहत मिली है। जिसके चलते कड़ी शर्तों के साथ व्यवसायिक और निर्माण संबंधी गतिविधियां शुरू हुई हैं। अब सरकार तीन मई के बाद की प्लानिंग में जुट गई है।
प्रदेश सरकार एक बार फिर नए सिरे से प्लान तैयार कर रही है। जिसमें नौ जिलों में कुछ शर्तों के साथ व्यवसायिक गतिविधियां खोले जाने की केंद्र से पैरवी की जाएगी। चार संवेदनशाील जिलों देहरादून, ऊधमसिंहनगर, हरिद्वार और नैनीताल में हॉट स्पॉट जोन में सख्ती रखी जाएगी।
मुख्यमंत्री लगातार इस दिशा में अधिकारियों को निर्देश दे रहे हैं कि छोटे व्यापारियों की आमदनी को लेकर ठोस प्लानिंग होनी चाहिए। उच्च अधिकारियों के साथ हुई बैठक में उन्होंने इस संबंध में निर्देश भी जारी किए।