मूसलाधार बारिश से गंगा और उसकी सहायक नदियां उफान पर हैं। गंगा का जलस्तर बढ़ने से लक्ष्मणझूला, स्वर्गाश्रम, मुनि की रेती और तपोवन क्षेत्र में गंगा घाट और तट जलमग्न रहे। त्रिवेणी घाट में आरती स्थल जलमग्न रहा। गंगा घाट और तटों पर जल पुलिस और आपदा प्रबंधन की टीम मुस्तैद है। गंगा का जलस्तर बढ़ने से गंगा चेतावनी रेखा 339.50 से मात्र 30 सेमी नीचे 339.20 मीटर बह रही है।
गंगा के तटीय इलाकों में रहने वाले लोगों को स्थानीय प्रशासन की ओर से अलर्ट किया है। तपोवन से लेकर रायवाला तक गंगा के तटीय इलाकों में रहने वाले लोग सुरक्षित स्थानों की ओर निकल गए हैं। केंद्रीय जल आयोग के मुताबिक बृहस्पतिवार दोपहर 12 बजे गंगा का जलस्तर 339.32 मीटर, शाम चार बजे 339.25 मीटर और शाम सात बजे 339.20 मीटर दर्ज किया गया।
गंगा का जलस्तर घट-बढ़ रहा, दहशत में ग्रामीण
हरिद्वार में बारिश से गंगा का जलस्तर लगातार घट-बढ़ रहा है। इसकी वजह से देहात के इलाकों में दहशत है। जलस्तर बढ़ने पर प्रशासन की ओर से लोगों से गंगातट पर न जाने की अपील की जा रही है।
कई दिनों से क्षेत्र में लगातार मूसलाधार बारिश हो रही है। इसके चलते गंगा नदी का जलस्तर घट बढ़ रहा है। दो दिन पहले गंगा नदी का जलस्तर 294 यानी खतरे के निशान पर पहुंच गया था। बृहस्पतिवार सुबह भी गंगा का जलस्तर 293.40 मीटर पर था। शाम के समय गंगा का जलस्तर 292.80 मीटर तक पहुंच गया जो खतरे के निशान से नीचे था। ग्रामीणों का कहना है कि पहले से ही बाढ़ का पानी खेतों से नहीं उतरा है। फिर से गंगा का जलस्तर बढ़ रहा है।
पानी फसलों में पहुंचा तो किसानों की बची हुई फसल भी बर्बाद हो जाएगी। उधर, एसडीएम गोपालराम बिनवाल ने बताया कि गंगा से सटे गांवों में अलर्ट जारी किया हुआ है। लोगों से गंगा किनारे न जाने की अपील की जा रही है। साथ ही बाढ़ राहत चौकियों को अलर्ट मोड पर रखा गया है।