अपने दस्तावेज नहीं दिखाने वाले 90 अभ्यर्थियों को उत्तराखंड लोक सेवा आयोग ने पटवारी-लेखपाल भर्ती से बाहर कर दिया है। इन सभी अभ्यर्थियों के रोल नंबरों की सूची आयोग ने अपनी वेबसाइट पर जारी की है। आयोग के सचिव गिरधारी सिंह रावत ने बताया कि पटवारी-लेखपाल भर्ती परीक्षा में पास होने वाले अभ्यर्थियों को अभिलेख सत्यापन के लिए 24 अप्रैल से चार मई के बीच बुलाया गया था।
इनमें से 85 अभ्यर्थी ऐसे है, जो निर्धारित तिथियों पर अपने अभिलेख लेकर नहीं पहुंचे। इस वजह से उनके अभिलेखों का सत्यापन नहीं हो पाया। लिहाजा, आयोग ने इन सभी का अभ्यर्थन निरस्त कर दिया। परीक्षा में पास होकर भी नौकरी से वंचित हो गए हैं। इसी प्रकार पांच अभ्यर्थी ऐसे थे, जिन्होंने दिव्यांग कोटे में अपना दावा पेश किया था। इन सभी को अभिलेख सत्यापन में बुलाया गया तो विज्ञापन की शर्तों के हिसाब से दिव्यांगता का प्रमाणपत्र नहीं दिखा पाए।
इस वजह से इन पांचों को भी पटवारी-लेखपाल भर्ती से बाहर कर दिया गया है। आयोग सचिव के मुताबिक, जिन अभ्यर्थियों के नाम इसमें शामिल हैं, वह आयोग की वेबसाइट पर अपना रोल नंबर देख सकते हैं। इनमें से किसी को भी अब भर्ती में आगे शामिल होने का अवसर नहीं मिलेगा।
राज्य लोक सेवा आयोग ने गलती सुधारी
राज्य लोक सेवा आयोग ने पीसीएस-जे प्री परीक्षा में श्रेणीवार न्यूनतम अंकों की अर्हता की जो सूचना पूर्व में जारी की थी, उसमें ओबीसी संग ही आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग श्रेणी भी प्रकाशित हो गई थी। आयोग ने इसे अलग कर दिया है। अब परीक्षा पास करने के लिए सामान्य श्रेणी को 35 प्रतिशत, आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को 35 प्रतिशत, ओबीसी को 30 प्रतिशत, एससी-एसटी को 25 प्रतिशत अंक लाने अनिवार्य होंगे।