अभी यह रहस्य बना है कि आखिर पार्टी के केंद्रीय नेताओं से उन्हें क्या दिशा-निर्देश मिले हैं। मुख्यमंत्री खेमे का कहना है कि तीरथ सिंह रावत उपचुनाव में जाएंगे और अब गेंद चुनाव आयोग के पाले में है।चर्चा यह भी है कि दो-तीन दिन में पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व कोई बड़ा फैसला ले सकता है। यह बड़ा फैसला क्या है, इस पर कोई भी खुलकर नहीं बोल रहा। इस बीच पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत भी इस वक्त काफी सक्रिय हैं। कुमाऊं दौरे से लौटने पर दून में उनके जोरदार स्वागत समारोह की पार्टी में खूब चर्चा है।
कांग्रेस में भी नेता प्रतिपक्ष के नाम के एलान का इंतजार
प्रीतम नेता प्रतिपक्ष बनेंगे तो उन्हें प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष की कुर्सी छोड़नी होगी। ऐसी स्थिति में अध्यक्ष पद के लिए भी नाम तय करना पड़ेगा। फैसले के इंतजार में प्रीतम दिल्ली में ही जमे हैं। पार्टी के कुछ विधायक दिल्ली से लौट आए हैं। वैसे जातीय व क्षेत्रीय समीकरणों के आधार पर कई नाम हवाओं में तैर रहे हैं।
हरीश और प्रीतम खेमे की ओर से ब्राह्मण नेताओं के नाम अचानक चर्चाओं में आ गए हैं। गढ़वाल से किशोर उपाध्याय, गणेश गोदियाल, मंत्री प्रसाद नैथानी, कुमाऊं से मनोज तिवारी और प्रकाश जोशी के नामों की चर्चा है। प्रीतम खेमे से भुवन कापड़ी और अब आर्येंद्र शर्मा को दिल्ली बुलाए जाने की भी चर्चा जोरों पर है।