उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने दिल्ली के मुख्यमंत्री और आप पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल के उत्तराखंड आगमन पर की गई घोषणाओं को चुनावी स्टंट बताया। उन्होंने साफ कहा कि वह केजरीवाल की बातों को तवज्जो नहीं देते हैं। उन्हें केजरीवाल पर तंज किया कि दिल्ली में बैठकर उत्तराखंड के लोगों की समस्याओं को नहीं समझा जा सकता। उन्हें इस्तीफा देकर उत्तराखंड आ जाना चाहिए।
हरीश रावत ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि यदि केजरीवाल का उत्तराखंड प्रेम इतना ही उमड़ रहा है तो उन्हें दिल्ली की अपनी सरकार से इस्तीफा देकर हमेशा के लिए उत्तराखंड आ जाना चाहिए। दिल्ली में बैठकर आप उत्तराखंड के लोगों जरूरतों और समस्याओं को नहीं समझ सकते हैं। हमने इसके लिए गाड़-गदेरों की खाक छानी हैं, राजनीतिक जीवन के 50 से अधिक साल दिए हैं। यहां की मूलभूत समस्याएं, सरोकार बिल्कुल भिन्न हैं। यह भौगोलिक विषमताओं वाला प्रदेश है। हरीश ने कहा कि केजरीवाल यहां आकर जिस तरह की बातें कर रहे हैं, उससे लगता है उन्हें यहां की बिल्कुल भी जानकारी नहीं है।
तीन सौ यूनिट बिजली के सवाल पर हरीश ने कहा कि केजरीवाल साढ़े सात साल के कार्यकाल में दिल्ली में यह कारनामा नहीं कर पाए तो फिर यहां कैसे करेंगे। दिल्ली में दो सौ यूनिट फ्री बिजली दी जाती है, यदि एक यूनिट भी अधिक हो जाए तो पूरा पैसा वसूल लिया जाता है। कर्नल कोठियाल के मुद्दे पर हरीश ने कहा कि केदारनाथ पुनर्निर्माण के दौरान बहुत से लोगों ने वहा तीव्र गति से और अच्छा काम किया। इसलिए किसी एक व्यक्ति को श्रेय दिया जाना उचित नहीं है।
हमने अपने कार्यकाल के दौरान वहां राजनीतिक फायदे के लिए काम नहीं किया। बहुत से लोगों ने कहा आप केदारनाथ से चुनाव लड़ो। लेकिन यदि मैं ऐसा करता तो इसका गलत संदेश जाता। हरीश ने कहा कि राज्य का हर फौजी वंदनीय है।
उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी की गढ़वाल मंडल की मीडिया प्रभारी गरिमा दसौनी ने कहा कि जिस तरह से केजरीवाल ने उत्तराखंड को आध्यात्मिक राजधानी बनाने की घोषणा की है, वह हतप्रभ करने वाला है। दसौनी ने कहा कि शायद केजरीवाल नहीं जानते उत्तराखंड ही नहीं समस्त भारत देश ही अध्यात्म का गढ़ है।