दीवार पर खून से सने हाथों के निशान बयां कर रहे संघर्ष की कहानी, खड़े हो रहे कई सवाल

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देहरादून के प्रेमनगर में हुई नौकर और मालकिन की हत्या के बाद घटनास्थल के पास दीवार पर खून से सने हाथ के पंजे के निशान, दोनों शव आसपास होना, शव पॉलिथीन से ढके होना, धारदार हथियार की मार से चीखने-चिल्लाने की आवाज सुनाई न देना आदि तमाम सवाल घर में मौजूद सुभाष शर्मा के इर्द-गिर्द घूम रहे हैं। पुलिस भी हैरान है कि पत्नी और नौकर के लापता होने की सूचना देने वाले सुभाष शर्मा की नजर रसोईघर की खिड़की के पास क्यों नहीं पड़ी। पुलिस इन्हीं सब सवालों में फिलहाल उलझी हुई है।

घटनास्थल को देखकर हत्या का मामला तो स्पष्ट है, लेकिन वारदात को अंजाम किसने और क्यों दिया। इस सवाल के जवाब के लिए पुलिस कई लोगों से पूछताछ कर रही है। घटनास्थल को देखकर कहीं से भी लूट का मामला भी नहीं लगता, क्योंकि घटनास्थल घर के बाहर है और सुभाष शर्मा सुरक्षित हैं। ऐसे में सवाल यह है कि यदि कोई चौथा व्यक्ति वहां था तो उन्नति शर्मा और राजकुमार घर के बाहर अहाते में क्यों थे।

घटनास्थल के पास दीवार पर खून से लथपथ हाथ के पंजे के निशान वहां पर संघर्ष की गवाही दे रहे हैं। लगता है कि दोनों ने बचने का भरसक प्रयास किया था। इसके अलावा दोनों को एकसाथ मारने के कोई पुष्टि नहीं हो रही है। साथ ही जानलेवा हमले के पहले कोई तो चिल्लाया होगा, लेकिन चंद कदमों की दूरी पर घर में मौजूद सुभाष शर्मा तक आवाज नहीं पहुंची। यह बात पुलिस के साथ किसी के गले के नीचे नहीं उतर रही है।

घटनास्थल पर दोनों के शव अगल-बगल पड़े थे। राजकुमार के शव पर सामान्य पॉलिथीन पड़ी थी। जबकि, उन्नति शर्मा के ऊपर चमकीली लेमिनेशन वाली पॉलिथीन थी। ऐसे में यह तय है कि हत्या करने के बाद दोनों को एक साथ लेटाया गया। वहीं दीवार पर हाथ के पंजे के निशान भी ऐसी ही स्थिति की ओर इशारा कर रहे हैं।

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