दुर्गम पर्वतीय क्षेत्र में दिव्यांगों के लिए करूंगी कामः अनुकृति गुसाईं

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देहरादून। बसंतोत्सव के तहत श्री भरत मंदिर में दिव्यांगों के लिए कृत्रिम अंग निशुल्क शिविर का उद्घाटन पूर्व पेसिफिक मिस इंडिया अनुकृति गुसाईं ने किया। उन्होंने कहा कि दुर्गम पर्वतीय क्षेत्र में दिव्यांग जनों के लिए वह कार्य करना चाहती है। रोटरी के सहयोग से वह इस दिशा में शीघ्र कार्य की शुरुआत करेंगी।

श्री भरत मंदिर परिसर में आयोजित शिविर का उद्घाटन करने पहुंची पूर्व फेमिना मिस इंडिया अनुकृती गुसाई ने कहा कि दिव्यांग भी समाज का ही अंग है। दिव्यांग शब्द का अर्थ दिव्य शरीर है। आत्मा कभी विकलांग नहीं होती। नकारात्मक व्यक्तियों के लिए दिव्यांग उदाहरण बन सकते हैं। अनुकृति ने अल्बर्ट ऑस्टिन पुरस्कार विजेता विश्व विख्यात वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंग का उदाहरण प्रस्तुत करते हुए कहा कि दिव्यांगता अभिशाप नहीं है।

पर्वतीय क्षेत्र में गर्भवती महिलाओं की चिकित्सालय पहुंचने से पहले होने वाली मौत पर अनुकृति गुसाई ने कहा कि उत्तराखंड को बने दो दशक हो गए हैं मगर, इस क्षेत्र में अभी और सुधार की जरूरत है। व्यक्तिगत रूप से उत्तराखंडी और महिला होने के नाते मुझे ऐसे हालात पर दुख होता है। क्योंकि प्रगतिशील भारत की हम बात करते हैं। अनुकृति गुसाई ने इच्छा जताई कि वह पर्वतीय क्षेत्र में दिव्यांगों के लिए काम करना चाहती है। उत्तराखंड स्तर पर उनका प्रयास होगा कि इस कार्य को आगे बढ़ाएं। रोटरी के साथ क्षेत्र में वह शिविर का आयोजन करेगी।

श्री भरत मंदिर के महंत वत्सल प्रपन्नाचार्य महाराज ने उन्हें बसंत उत्सव समिति की ओर से सम्मानित किया। रोटरी क्लब के अध्यक्ष नितिन गुप्ता ने बताया कि मारवाड़ी युवा मंच फरीदाबाद पीतम चैरिटेबल और श्री भरत मंदिर के सहयोग से भगवान महावीर विकलांग सहायता समिति जयपुर इस शिविर का आयोजन कर रही है।इस शिविर में आने वाले सभी दिव्यांग जनों को निशुल्क कृत्रिम अंग उपलब्ध कराए जाएंगे।

कार्यक्रम में हर्षवर्धन शर्मा, वरुण शर्मा, दीप शर्मा, जयेंद्र रमोला, विनय उनियाल, पंडित रवि शास्त्री, धीरेंद्र जोशी, राकेश अग्रवाल,संजय अग्रवाल, डॉ. डीके श्रीवास्तव, डॉ. रवि कौशल, श्री भरत मंदिर इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य मेजर गोविंद सिंह रावत, पूर्व प्रधानाचार्य डीबीपीएस रावत, विमला रावत आदि मौजूद रहे।

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