न्यायमूर्ति एनएस धानिक की एकलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। विधायक सुरेश राठौर के खिलाफ उन्हीं की पार्टी की एक महिला नेता ने दो जून 2021 को दुराचार का आरोप लगाते हुए ज्वालापुर कोतवाली में मुकदमा दर्ज करवाया था। पुलिस ने कोर्ट के आदेश पर राठौर के खिलाफ दुष्कर्म के मामले में एफआईआर दर्ज की थी। एफआईआर दर्ज होने से पहले विधायक ने हाईकोर्ट मे निचली कोर्ट के आदेश पर रोक लगाने की प्रार्थना की थी।मामला सुनवाई में आने से पहले ही मुकदमा दर्ज हो गया तो याचिकाकर्ता ने मामले में गिरफ्तारी पर रोक लगाने और उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर को निरस्त करने के लिए नई याचिका दायर की। उनके अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि मुकदमा दर्ज हो चुका है इसलिए उन्हें याचिका वापस लेने की इजाजत दी जाए। उन्होंने कोर्ट को नई याचिका दायर होने की जानकारी भी दी। कोर्ट ने सरकार से मुकदमा दर्ज होने की तस्दीक करने के बाद पहली याचिका वापस लेने की अनुमति दे दी।
याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया था कि उन पर लगाए गए दुष्कर्म के आरोप निराधार हैं। आरोप लगाने वाली महिला और उसके पति सहित अन्य लोगों की ओर से उनसे 30 लाख की रंगदारी मांगी गई। उन्होंने महिला और उसके पति सहित अन्य के खिलाफ मामले में मुकदमा दर्ज कराया। अब महिला ने उनसे बदला लेने और उनको बदनाम करने के लिए उन पर मुकदमा दर्ज करवाया है।