दून अस्पताल में कोविड रिपोर्ट के नाम पर फर्जीवाड़े का मामला सामने आया है। जालसाजों ने कोरोना की फर्जी रिपोर्ट तैयार कर ली। हालांकि उसमें कुछ अंतर होने के कारण वह पकड़ में आ गई। इस पर चिकित्सा अधीक्षक ने माइक्रोबायलॉजी विभाग के विशेषज्ञों को जांच सौंप दी है।
प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि जालसाजों ने आईसीएमआर के पोर्टल पर जाकर उसमें हेराफेरी की। यहां से उन्होंने फर्जी रिपोर्ट तैयार कर ली, लेकिन उनकी रिपोर्ट में क्यूआर कोड नहीं है। जबकि आईसीएमआर की गाइडलाइन के मुताबिक कोरोना रिपोर्ट में क्यूआर कोड अनिवार्य है। दून अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. केसी पंत का कहना है कि मामला संज्ञान में है और जांच कराई जा रही है।
प्रकरण के जांच की जिम्मेदारी राजकीय मेडिकल कॉलेज के माइक्रोबायलॉजी विभाग के विशेषज्ञों को सौंपी गई है। जांच के उपरांत जालसाजों पर कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। यह पहली बार नहीं है, जब कोरोना रिपोर्ट को लेकर सवाल खड़े हुए हैं। कई अन्य जगहों पर भी कोरोना की गलत रिपोर्ट को लेकर विवाद खड़े हो चुके हैं। कई मामलों में तो कोरोना संक्रमित मरीजों को निगेटिव रिपोर्ट थमा दी गई।