दून-एम्स पर खत्म होगी कोविड जांच की निर्भरता

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हरिद्वार। कोरोना की आरटीपीसीआर जांच की रिपोर्ट के लिए अब दून और ऋषिकेश एम्स पर निर्भरता खत्म हो जाएगी। मेला अस्पताल में ही आरटीपीसीआर जांच के लिए लैब तैयार की जा रही है। सिविल अस्पताल रुड़की में आईसीयू यूनिट भी बनाई जा रही है ताकि कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर से निपटा जा सके।
जिला प्रशासन ने कोविड कर्फ्यू के चलते कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर को बहुत हद तक नियंत्रण में कर लिया है। राहत वाली बात यह भी है कि कई दिनों से कोरोना संक्रमण के केस दो से कम ही आ रहे हैं, जबकि पहले यह संख्या एक हजार से ऊपर से चली गई थी। मौत के आंकड़ों में भी कमी आई है, लेकिन जिला प्रशासन ने कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर से लोगों को बचाने के लिए मेला अस्पताल में आरटीपीसीआर की लैब तैयार की जा रही है। अभी तक दून मेकिडल कॉलेज और एम्स ऋषिकेस से आरटीपीसीआर के सैंपल जांच के लिए भेजे जाते थे। इनकी रिपोर्ट आने में कम से कम तीन से चार दिन लग जा रहे हैं। इससे कई बार रिपोर्ट नहीं मिलने से मरीज को समय पर उपचार भी नहीं मिल पाता है। जिलाधिकारी सी रवि शंकर ने बताया कि मेला अस्पताल में आरटीपीसीआर की लैब तैयार की जा रही है। लैब तैयार होने से सैंपलों को दून मेडिकल और एम्स ऋषिकेश में भेजने से पीछा छूट जाएगा। इसके अलावा सिविल अस्पताल रुड़की में तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए 10 बेड की आईसीयू यूनिट बनाई जा रही है। एसीएमओ डॉ. एसके झा ने बताया कि लैब और आईसीयू यूनिट जल्द ही तैयार होने वाली है।

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