देहरादून। रोडवेज बसों में किराया बढ़ने के बाद यात्रियों को दून-दिल्ली मार्ग पर वॉल्वो बसों में करीब 45 रुपये अतिरिक्त देने होंगे। अभी वॉल्वो का किराया 751 रुपये है, किराया वृद्धि के बाद यात्रियों को 796 रुपये देने होंगे। इसी तरह वातानुकूलित बसों में दून-दिल्ली मार्ग के 525 रुपये के बदले 565 रुपये किराया देना पड़ेगा। जनरथ में 462 रुपये के बजाए 485 रुपये किराया, जबकि साधारण बस में 305 रुपये के बदले अब 322 रुपये किराये के रूप में देने पड़ेंगे। पहले रोडवेज प्रबंधन किराया शनिवार से लागू करने की बात कर रहा था मगर शुक्रवार को सर्वर अपडेट नहीं हो पाया। महाप्रबंधक दीपक जैन ने बताया कि संभवतः टिकट मशीनें शनिवार की रात तक अपडेट हो जाएंगी। ऐसे में रविवार की सुबह से नया किराया लागू हो जाएगा।
उत्तर प्रदेश परिवहन निगम द्वारा बसों के किराये में वृद्धि के बाद उत्तराखंड परिवहन निगम की बसों में भी सफर महंगा हो गया है। किराया वृद्धि सिर्फ उत्तर प्रदेश सीमाक्षेत्र में ही मान्य होगी। किराये में वॉल्वो में प्रति किमी 23 पैसे, एसी में 21 पैसे, जनरथ में 13 पैसे और साधारण बस सेवा में किराया 10 पैसे प्रति किमी की वृद्धि हुई है। बता दें कि उत्तराखंड परिवहन निगम की बसें उत्तर प्रदेश की सीमा में जितने किलोमीटर चलेंगी उसी हिसाब से किराया अधिक देना होगा।
उत्तराखंड की बसें उत्तर प्रदेश के कईं शहरों के लिए संचालित होती हैं। यही नहीं प्रदेश के अधिकतर डिपो से दिल्ली और गुरुग्राम समेत फरीदाबाद, जयपुर, अंबाला, पानीपत जाने वाली बसें भी उत्तर प्रदेश के सीमाक्षेत्र से होकर गुजरती हैं। इसके साथ उत्तराखंड की बसें उप्र के लखनऊ, कानपुर, आगरा, सहारनपुर, अलीगढ़ भी जाती हैं। उत्तराखंड की देहरादून से दिल्ली जाने वाली बसें उप्र के क्षेत्र में करीब 175 किमी चलती हैं और हल्द्वानी मार्ग पर करीब 100 किमी। आगरा मार्ग पर 365 किमी, लखनऊ मार्ग पर 575 किमी एवं कानपुर मार्ग पर 565 किमी उप्र का क्षेत्र पड़ता है। उत्तराखंड में दून-हल्द्वानी व नैनीताल मार्ग पर भी एक बड़ा भाग उप्र की सीमा में पड़ता है। उत्तर प्रदेश परिवहन निगम बोर्ड ने अपनी बसों में किराया बढ़ाने का फैसला गुरुवार से लागू कर दिया था।
बढ़ाना पड़ता है किराया
अगर कोई राज्य अपने यहां रोडवेज बसों का किराया बढ़ाता है तो परिवहन निगम के एक्ट के अनुसार उससे जुड़े दूसरे राज्यों को भी अपने यहां किराया बढ़ाना पड़ता है। ये वृद्धि केवल उसी राज्य के क्षेत्र में लागू की जाती है, जिसने किराया बढ़ाया है। मसलन उत्तराखंड यदि किराया बढ़ाएगा तो यहां पर आने वाली दूसरे राज्यों की बसों को हमारी सीमा में किराया बढ़ाना पड़ेगा।
जल्द पड़ सकती है दोहरी मार
उत्तराखंड की बसों से सफर करने वाले यात्रियों को जल्द किराया वृद्धि की दोहरी मार ङोलनी पड़ सकती है। कारण यह कि एक वर्ष से अधिक समय से उत्तराखंड ने किराया बढ़ोतरी का प्रस्ताव राज्य परिवहन प्राधिकरण को दिया हुआ है। इसकी बैठक इसी माह होनी है। अगर किराया बढ़ाने का फैसला हुआ तो उत्तराखंड के अंदर चलने वाली बसों में किराया बढ़ जाएगा।