दून- मसूरी मार्ग के ध्वस्त भाग पर गिरा पुश्ता

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देहरादून। मसूरी मार्ग के 50 मीटर हिस्से को ध्वस्त हुए पांच दिन बीत गए हैं और लगातार हो रही बारिश के कारण अभी यहां नाममात्र का काम ही हो पाया है। वहीं, शनिवार रात हुई तेज बारिश में मार्ग के ध्वस्त भाग के ऊपर की पहाड़ी का पुस्ता भी ढह गया। उसका मलबा मार्ग के ध्वस्त भाग के पुनर्निर्माण के लिए बन रही सुरक्षा दीवार की नींव पर जा गिरा। इससे लोक निर्माण विभाग (लोनिवि) की मुसीबत और बढ़ गई है। अब लोनिवि को नए सिरे से नींव बनाने का काम करना पड़ेगा।

लोनिवि प्रांतीय खंड के अधिशासी अभियंता जेएस चौहान ने बताया कि पानीवाला बैंड के पास दून-मसूरी मार्ग बह जाने के बाद शेष बची एक मीटर चौड़ाई को नाली पाटकर व कच्चे भाग को समतल कर ढाई मीटर किया गया था। इससे हल्के वाहनों का आवागमन हो रहा था। शनिवार को पुस्ता ढह जाने से अतिरिक्त भाग भी बाधित हो गया। ऐसे में पहाड़ी के कुछ हिस्से को काटकर ढाई मीटर जगह फिर से तैयार की गई है।

 

उधर, देश-दुनिया को मसूरी से जोड़ने वाले मार्ग पर निरंतर बढ़ रही दुश्वारियों को देखते हुए रविवार को जिलाधिकारी डॉ. आशीष श्रीवास्तव और अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) बीर सिंह बुदियाल ने मार्ग के क्षतिग्रस्त भाग का निरीक्षण किया। इस दौरान जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि पुनर्निर्माण में गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखा जाए। बारिश के बीच जब भी समय मिले काम की गति बढ़ा दी जाए।

कंट्रोल रूम में तैनात होंगे अलग-अलग अधिकारी

आपदा कंट्रोल रूम में 15 सितंबर तक विभिन्न विभागों के अधिकारियों की तैनाती रोटेशन पर की जाती रहेगी, ताकि जलभराव या किसी भी प्राकृतिक आपदा के समय मौके पर राहत संबंधी कार्य त्वरित रूप से किए जा सकें। जिलाधिकारी डॉ. आशीष श्रीवास्तव ने बताया कि यह तैनाती सिंचाई, लोनिवि, ऊर्जा निगम, जल संस्थान, नगर निगम आदि विभागों के अभियंताओं के रूप में की जाएगी। इसके अलावा फील्ड में निगरानी के लिए अवर अभियंता तैनात किए जाएंगे, जिसमें दो टीमें अलग से भी आरक्षित रहेंगी।

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