देहरादून। कोरोना संक्रमण के बचाव और राहत कार्यों की समीक्षा के लिए सोमवार को हल्द्वानी पहुंचे सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि संक्रमितों के ग्राफ में इजाफा हुआ है। जांच का दायरा बढ़ाने की कवायद की जा रही है। देहरादून में एक लैब बनकर तैयार है। यह लैब 29 मई को शुरू की जाएगी। अल्मोड़ा में लैब बनाने के लिए केंद्र सरकार से अनुरोध किया गया है।
सर्किट हाउस में पत्रकारों से बातचीत में सीएम ने कहा कि प्रवासियों को लाने का निर्णय सरकार का था। हमें पहले से अनुमान था कि प्रवासियों के आने पर संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ेगी, इसलिए हर संभव इलाज के लिए पहले से ही तैयारी पूरी कर ली गई थी। मुख्यमंत्री ने कहा कि लॉकडाउन के तहत 500 डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ की भर्ती की गई। डॉक्टरों और नर्सों को प्रशिक्षण भी दिलाया गया। प्रत्येक जिले में वेंटिलेटर भेजे गए हैं। प्रदेश में सरकारी तंत्र पूरी लगन से काम कर रहा है। प्रधान भी अपनी जिम्मेदारी निभा रहे हैं।
सीएम के अनुसार अपवाद को छोड़ दिया जाए तो 90 फीसदी से अधिक ग्राम प्रधानों का काम अति प्रशंसनीय है। उन्होंने कहा कि मीडियाकर्मी, जनता को राशन बांटने वाले, दुकानदार, स्वयंसेवी संस्थाएं, सामाजिक संगठन, एनसीसी के बच्चे भी कोरोना वॉरियर्स हैं। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार की तरफ से किसी का बीमा नहीं कराया गया है। यदि कोई हानि होती है तो मुख्यमंत्री राहत कोष से आवश्यक धन खाते में डाल दिया जाएगा।
देहरादून में सिपाही के परिवार की मदद की
मुख्यमंत्री ने कहा कि देहरादून में एक सिपाही ड्यूटी करते समय दुर्घटना का शिकार हो गया था। उसके परिवार की सीएम राहत कोष से मदद की गई। मुख्यमंत्री ने कहा कि महामारी का यह पहला चरण है। इसमें हर वर्ग को सावधानी बरतने की जरूरत है। गर्भवती बहनें, बुजुर्ग और बच्चे खुद संक्रमण से बचें। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें तो प्रत्येक परिवार जीरो बजट में सुरक्षित रहेंगे।
सीमा पर रोकना व्यावहारिक नहीं
मुख्यमंत्री ने हाईकोर्ट के आदेश के संदर्भ में कहा कि सीमा पर रोककर जांच करना व्यावहारिक नहीं है। इस मामले में हाईकोर्ट से भी बात की जाएगी जो व्यावहारिक होगा, उसी के तहत कार्य किया जाएगा।
सरकार हर स्थिति से निपटने में सक्षम और तैयारः त्रिवेंद्र
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि कोविड-19 को लेकर सरकार हर परिस्थिति से निपटने के लिए सक्षम और तैयार है। क्वारंटीन व्यक्तियों से तय नियमों का पालन सख्ती से कराया जाए। संक्रमण के दौर में जनता को जिम्मेदारियां समझनी चाहिए।