दून मेडिकल कॉलेज के नान टीचिंग पैरामेडिकल और नर्सिंग संवर्ग के विभागीय संविदा कर्मचारियों ने दून मेडिकल के बाहर धरना दिया, उन्होंने दून मेडिकल कॉलेज के प्रशासन पर उनकी अनदेखी का आरोप लगाते हुए धरना दिया है। कर्मचारियों ने आरोप लगाया है कि वह 2016 से बिना रुके अपनी सेवा दे रहे हैं, लेकिन जैसे ही परमानेंट करने की बात आई तो दून मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने नई विज्ञप्ति निकाल दी… जिसमें नए लोगों को आवेदन करने की छूट दी गई है, जबकि हम पिछले लंबे समय से अपनी सेवा दून मेडिकल कॉलेज को दे रहे हैं। कर्मचारियों ने कहा कि जबसे देश में कोरोना आया है उस दिन से बिना रुके हमने अपनी सेवा दून मेडिकल कॉलेज को दी लेकिन आज स्थिति यह है कि जब हमें परमानेंट किया जाना चाहिए था तब वह प्रशासन द्वारा नई विज्ञप्ति निकाल दी गई।
दून मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य को लिखा खत
आपको अवगत कराना चाहते हैं कि राजकीय दून मेडिकल कॉलेज में वर्ष 2016 से जब से मेडिकल कॉलेज प्रारंभ हुआ था वर्तमान समय तक नान टीचिंग पैरामेडिकल एवं नर्सिंग संवर्ग के विभागीय संविदा कर्मचारी बिना किसी सर्विस ब्रेक के निरंतर सेवाएं दे रहे हैं कोरोना महामारी में भी सब ने जान जोखिम में डालकर मरीजों की सेवा की जिसमें समस्त कर्मचारी करो ना शंकर अमित भी हुए फिर भी मरीजों की देखरेख सिर्फ पीछे नहीं रहे 2016 से वर्तमान तक इन 5 वर्षों में ना तो हम को पूर्ण वेतन दिया गया और ना ही हमको विभाग में समायोजन करने के लिए किसी ने सुध ली जबकि हमारा चयन समस्त मानकों को ध्यान में रखते हुए उपयुक्त चयन प्रक्रिया के द्वारा मेरिट के आधार पर राज्य में लागू आरक्षण नीति का पालन करते हुए किया गया