दून यूनिवर्सिटी में पढ़ाई के दौरान छात्र कमाई भी कर सकेंगे। विवि अर्न व्हाइल यू लर्न स्कीम शुरू करने जा रहा है। इससे छात्रों को खाली वक्त में अपनी पढ़ाई से जुड़े काम करने और उसके बदले पैसे कमाने का मौका मिलेगा।
दून विवि राज्य का पहला विवि बन गया है, जो इस स्कीम को शुरू कर रहा है। विवि की कुलपति डा. सुरेखा डंगवाल ने बताया कि विवि में पांच सौ से ज्यादा छात्र-छात्राएं हॉस्टल में रहते हैं। इसके अलावा करीब डेढ हजार से ज्यादा डे-स्कालर्स हैं। इनके पास काफी समय ऐसा रहता है, जो कि वे खाली रहते हैं या तो एक पीरियड के बाद गैप होता है या अन्य कारण से वे खाली रहते हैं। इस दौरान उनको विवि में ही छोटे-मोटे काम दिए जाएंगे। इसके लिए एक कमेटी का गठन किया गया है, जो विभागों की जरूरत के हिसाब से छात्र-छात्राएं मुहैया कराएगी। उनके काम के बदले पैसे भी तय करेगी। इस स्कीम से स्थानीय उद्योगों को भी जोड़ा जाएगा। इससे छात्र-छात्राओं को काम सीखने के साथ ही अनुभव और पैसा भी मिलेगा।
इन कामों से होगी शुरुआत
इस स्कीम के तहत अभी कंप्यूटर साइंस वाले छात्रों को कंप्यूटर मेंटिनेंस, डाटा एंट्री, सॉफ्टवेयर डेवलेपमेंट, लाइब्रेरी वाले छात्रों को लाइब्रेरी मैनेजमेंट, साइंस के छात्रों को लैब मैनेजमेंट, स्कूल ऑफ डिजाइन के छात्रों को विवि में डिजाइनिंग एवं अन्य काम दिए जाएंगे। पीएचडी के छात्रों को गेस्ट लेक्चर जैसे काम दिए जाएंगे।
इस स्कीम से छात्रों को जहां सीखने का मौका मिलेगा वहीं उनको पैसे भी मिलेंगे। जिससे वे अपनी फीस आदि का भी खर्च निकाल सकते हैं। सारा काम कमेटी के माध्मय से होगा। जिससे सभी इच्छुक छात्रों को समान मौका मिले। छोटे मोटे कामों के लिए विवि को बाहरी एजेंसियों पर भी डिपेंड नहीं रहना पड़ेगा। बाद में इससे लोकल इंडस्ट्रीज को भी जोड़ने की योजना है।-डा. सुरेखा डंगवाल, कुलपति दून विवि
जल्द शुरू होगी आंबेडकर और एनटीपीसी चेयर
डा. डंगवाल के अनुसार, विवि में जल्द ही आंबेडकर चेयर और एनटीपीसी चेयर भी शुरू होगी। आंबेडकर चेयर के तहत यहां एससी-एसटी समुदाय के विकास के लिए रिसर्च कार्य होंगे। जबकि एनटीपीसी चेयर के तहत भी स्थानीय समुदाय, पर्यावरण, भूगोल आदि पर रिसर्च होंगी। वहीं शोधों को प्रोत्साहित करने के लिए रिसर्च एंड डेवलेपमेंट विंग की स्थापना की गई है। इसमें करीब 56 करोड़ रुपये का बजट है, जो कि छात्रों के अच्छे शोधों को प्रमोट करेगा।