देहरादून। उत्तराखंड प्रदेश में शुक्रवार देर रात अचानक मौसम ने करवट बदली और आंधी के साथ झमाझम बारिश हुई। जिससे शनिवार की सुबह मौसम सुहावना हो गया। वहीं राज्य के अन्य इलाकों में सुबह तक बारिश होने का सिलसिला जारी रहा। बारिश होने से कई दिनों से बढ़ रहे तापमान से कुछ राहत तो मिली, लेकिन फिर से धूप खिल गई।
श्रीनगर में रात साढ़े तीन बजे बारिश शुरू हुई और करीब आधे घन्टे तक रही। इससे पहले आसमान साफ था। शनिवार की सुबह यहां बादल छाए रहे। कर्णप्रयाग, और टिहरी में रात से सुबह तक बारिश जारी रही।
उत्तरकाशी के बड़कोट में यमुनोत्री घाटी में भी मध्य रात्री से रिमझिम बारिश हो रही है। यहां हाईवे खुला हुआ है। वहीं अगले कुछ दिनों में भी तापमान में इजाफा होने के आसार हैं। इससे गर्मी बढ़ सकती है।
इसलिए तापमान में हो रहा इजाफा
फरवरी में रिकॉर्ड तापमान दर्ज हो रहा है। इसके पीछे मौसम वैज्ञानिक पश्चिमी विक्षोभ के बेअसर रहने को मुख्य वजह मान रहे हैं। वैज्ञानिकों का कहना है कि पश्चिमी विक्षोभ का असर सिर्फ दो-तीन पर्वतीय जिलों में देखने को मिला।
अन्य जिलों में इसका बिल्कुल भी असर नहीं रहा। इस कारण बारिश भी कम हुई। जनवरी व फरवरी में सामान्य से करीब 50 फीसदी कम बारिश हुई। इसके अलावा उष्ण कटिबंधीय तूफान को भी वजह बताया जा रहा है।
उत्तराखंड व अन्य हिमालयी राज्यों में पश्चिमी विक्षोभ का असर सीमित रहा। इस वजह से इस बार बर्फबारी और बारिश में कमी देखी गई। मैदानी जिलों में बारिश बेहद कम हुई। इस वजह से तापमान में लगातार इजाफा देखने को मिल रहा है। अगले कुछ दिनों में भी तापमान बढ़ने के आसार हैं।
– रोहित थपलियाल, मौैसम वैज्ञानिक, मौसम विज्ञान केंद्र देहरादून
पश्चिमी विक्षोभ को तापमान बढ़ने का कारण माना जा सकता है। इसके अलावा उष्ण कटिबंधीय तूफान भी दूसरा कारण कहा जा सकता है। यह यूरोप, अफ्रीका व एशिया के गर्म इलाकों से चलता है। भारत में इसका केंद्र मुख्य तौर पर हरियाणा, पंजाब, हिमाचल व दिल्ली रहता है। उत्तराखंड के मैदानी इलाकों में भी आंशिक असर रहता है। इसके प्रभाव के कारण भी तापमान में इजाफा होता है।
– सुरेंद्र सिंह सुथर, एसोसिएट प्रोफेसर, स्कूल ऑफ एनवायरमेंट एंड नैचुरल रिसोर्स