देहरादून। उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड को लेकर तीर्थ पुरोहितों और हक-हकूकधारियों के बीच से उठ रहे विरोध के सुर थामने के लिए सरकार ने प्रयास तेज कर दिए हैं। बोर्ड को जहां सिर्फ रूटीन के कार्यों तक सीमित किया गया है, वहीं मसले के समाधान के लिए सुझाव देने को हाई पावर कमेटी के गठन की कवायद शुरू की जा रही है। कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी के अनुसार वरिष्ठ आइएएस की अध्यक्षता में यह कमेटी गठित की जाएगी। मुख्यमंत्री के दिल्ली से लौटने के बाद आइएएस का नाम फाइनल किया जाएगा। यह कमेटी समन्वय समिति की तर्ज पर काम करेगी। सभी पक्षों से बातचीत कर कमेटी सरकार को अपनी रिपोर्ट देगी और फिर इसके आधार पर आगे निर्णय लिया जाएगा।
देवस्थानम बोर्ड को लेकर चारधाम के तीर्थ पुरोहित और हक-हकूकधारी नाराज हैं। उनका कहना है कि यह उनके हितों पर कुठाराघात है। वे बोर्ड को भंग करने की मांग को लेकर आंदोलित हैं। सरकार में नेतृत्व परिवर्तन के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बोर्ड के कारण चारधाम की व्यवस्था और हक-हकूकधारियों पर पड़े प्रभाव का आकलन करने के मद्देनजर हाई पावर कमेटी के गठन की घोषणा की थी। साथ ही मुख्य सचिव को इस संबंध में निर्देश दिए थे।
इस बीच देवस्थानम बोर्ड को भी कर्मचारियों के वेतन, पेंशन, साफ-सफाई जैसे रूटीन कार्यों की व्यवस्था तक सीमित कर दिया गया। बोर्ड ने तीर्थ पुरोहितों और हक-हकूकधारियों से जुड़े मसलों से खुद को दूर रखा हुआ है। अब तीर्थ पुरोहितों व हक-हकूकधारियों की नाराजगी दूर करने के मद्देनजर हाई पावर कमेटी के गठन की कवायद शुरू की जा रही है।