देश की सेवा के लिए तैयार यंग ऑफिसर्स की फौज भी तैयार है। देहरादून स्थित इंडियन मिलिट्री एकेडमी से कड़े प्रशिक्षण के बाद 12 जून को आयोजित होने वाली पासिंग आउट परेड में भारतीय सेना के यंग ऑफिसर्स पास आउट होंगे। ट्रेनिंग पूरी करने के बाद 425 जीसी सहित नौ मित्र देशों के 84 कैडेट्स भी पास आउट होंगे। पश्चिमी कमांड के जीओसी-इन-सी लेफ्टिनेंट जनरल आरपी सिंह बतौर रिव्यू ऑफिसर परेड में शामिल होंगे। देश और प्रदेश में कोरोना के बढ़ते ग्राफ के बीच आईएमए प्रशासन ने पीओपी में कैडेटों के परिजनों को परेड में शामिल होने की अनुमति नहीं दी है। आईएमए की पीआरओर लेफ्टिनेंट कर्नल हिमानी पंत ने बताया कि कोविड-19 की वजह से कैडेटों के परिजनों को परेड में शामिल होने पर रोक लगाई है।
बता दें कि पिछले साल दिसंबर में आयोजित पासिंग आउट परेड में कड़ी मेहनत के बाद तैयार हुए 325 युवा कैडेट्स भारतीय सेना का हिस्सा बन गए थे।भारतीय थल सेना के उप प्रमुख एसके सैनी ने पासिंग आउट परेड की सलामी ली थी। आईएमए में पास आउट होने वाले कैडेटों में सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश से 50 कैडेट थे। वहीं दूसरे नंबर पर हरियाणा के 45 और तीसरे नंबर पर बिहार के 32 कैडेट रहे। कोरोनाकाल की वजह जून 2020 में बीती पीओपी में कैडेटों की पीपिंग सेरेमनी में प्रशिक्षकों और सैन्य अफसरों ने परिजनों की भूमिका निभाई थी, लेकिन दिसंबर में कैडेटों के परिजन ही इस रश्म को पूरा की थी। पीओपी में शामिल होने वाले कैडेटों के परिजनों को अपनी कोरोना की आरटीपीसीआर जांच की 72 घंटे की नेगेटिव रिपोर्ट देने के बाद ही एंट्री मिली थी।
भारतीय सैन्य अकादमी ने देश-दुनिया को एक से बढ़कर एक नायाब अफसर दिए हैं। साल 1932 में 40 कैडेट के साथ अकादमी का सुनहरा सफर शुरू हुआ था। अब तक अकादमी 60384 भारतीय तथा 2572 विदेशी युवाओं को प्रशिक्षित कर चुकी है।