देश के 66 फीसदी बच्चों पर साइलेंट किलर का साया, अभिवावक अनजान

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एम्स ऋषिकेश के विशेषज्ञों के मुताबिक दिनचर्या में बदलाव, खानपान और तनाव के चलते देश के 66.11 फीसदी बच्चे और किशोर डायबिटीज के खतरे की जद में हैं।

आज 14 नवंबर को विश्व मधुमेह दिवस और बाल दिवस एक साथ मनाया जा रहा है। इस बीच देश में बच्चों और किशोरों में टाइप दो डायबिटीज के बढ़ते मामले अभिवावकों के लिए एक बड़ी चेतावनी है। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ऋषिकेश के  मुताबिक दिनचर्या में बदलाव, खानपान और तनाव के चलते देश के 66.11 फीसदी बच्चे और किशोर डायबिटीज के खतरे की जद में हैं।

देश में करीब 1.5 लाख से अधिक बच्चे और किशोर डायबिटीज से पीड़ित
एम्स ऋषिकेश के फैमिली फिजिशियन डॉ. संतोष कुमार ने बताया कि देश में करीब 1.5 लाख से अधिक बच्चे और किशोर डायबिटीज से पीड़ित हैं। इनमें से सबसे अधिक करीब एक लाख की संख्या टाइप एक डायबिटीज के बाल और किशोर मरीजों की है। लेकिन पिछले कुछ सालों में टाइप दो डायबिटीज के बाल और किशोर मरीजों की संख्या में काफी बढ़ोत्तरी हुई है।

66.11 फीसदी बच्चों के खून में शुगर का स्तर अनियंत्रित
डॉ. संतोष कुमार का कहना है कि एक सर्वे के अनुसार देश के शहरी इलाकों के 66.11 फीसदी बच्चों के खून में शुगर का स्तर अनियंत्रित पाया गया है। खून में अनियंत्रित शुगर प्री डायबिटिक अवस्था होती। कई बार अभिवावक बच्चों और किशोरों में प्री डायबिटिक लक्षणों को नजरअंदाज कर देते हैं। जिससे सही समय पर बीमारी के पनपने का पता नहीं चल पाता है।

डॉ. संतोष कुमार ने बताया कि पहले 40 से अधिक की उम्र के लोगों को डायबिटीज होती थी। अब बीमारी ने युवाओं, किशोरों और बच्चों की ओर रुख कर लिया है। हाल के कुछ सालों में बच्चों और किशोरों की दिनचर्या और खानपान में बड़ा बदलाव आया है। बच्चे और किशोर टीवी, लैपटॉप, कंप्यूटर, वीडियो गेम को देखते हुए अपना अधिकांश समय बिता रहे हैं। जंक फूड, चॉकलेट और कोल्ड्रिंक्स खाने और पीने में बच्चों की पहली पसंद बन गई है। वहीं पढ़ाई और अच्छे प्रदर्शन का तनाव भी हरदम बच्चों के साथ है। बच्चों में आलस्य और मोटापा बढ़ रहा है। ये सब मिलकर बच्चों को टाइप दो डायबिटीज के गंभीर रोग की तरफ धकेल रहे हैं।

चॉकलेट सीधी जिम्मेदार नहीं, लेकिन बढ़ता है जोखिम

डॉ. संतोष कुमार का कहना है केवल चॉकलेट ही सीधे तौर पर बच्चों और किशोरों में डायबिटीज के लिए जिम्मेदार नहीं है। लेकिन चॉकलेट में मौजूद चीनी, कृत्रिम रंग और स्वाद स्वास्थ्य के नुकसानदायक होते हैं। चॉकलेट और फास्ट फूड के अत्यधिक सेवन से डायबिटीज का जोखिम बढ़ता है।

डायबिटीज के लक्षण
भूख और प्यास अधिक लगना, पेशाब अधिक होना, कमजोरी, अचानक वजन बढ़ना या कम होना, चिड़चिड़ापन, व्यवहार में बदलाव, आंखों में धुंधलापन, पेट दर्द, घावों का देरी से भरना।

डायबिटीज से बचाव
– दिनभर में पांच मौसमी फलों, दाल, अनाज, सब्जियों और कम वसा वाले दुग्ध उत्पादों का सेवन
– नियमित हल्का व्यायाम, सुबह और शाम की सैर
– वजन को नियंत्रित रखें
– टीवी, लैपटॉप, कम्प्यूटर, मोबाइल और वीडियो गेम पर अधिक समय न बिताएं
– समय-समय पर चिकित्सक से जांच कराएं

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