देहरादूनः आक्रोशित चालकों ने ई-रिक्शा को चैराहों पर फूंकने की दी चेतावनी

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देहरादून। अधिकारियों द्वारा शनिवार को वार्ता के लिए न बुलाए जाने से आक्रोशित ई-रिक्शा चालकों ने चेतावनी दी है कि सोमवार तक उनकी समस्याओं का समाधान नहीं हुआ, तो वह चैराहों पर ई-रिक्शा को आग के हवाले कर देंगे। बता दें कि बीते सोमवार को चालकों ने परेड ग्राउंड में एक ई-रिक्शा में आग लगा दी थी। इस दौरान पुलिस से धक्का-मुक्की भी हुई थी, जिस पर यूनियन के पदाधिकारियों समेत 30-40 चालकों के खिलाफ डालनवाला कोतवाली में मुकदमा भी दर्ज हुआ था।

मुख्य मार्गों पर ई-रिक्शा को प्रतिबंधित करने और उनके चलने के लिए 31 रूट निर्धारित करने के विरोध में देवभूमि ई-रिक्शा मालिक और चालक वेलफेयर सोसायटी के बैनर तले तमाम ई-रिक्शा मालिक और चालक बीती 27 जनवरी से परेड ग्राउंड में धरना दे रहे हैं। 27 को ही चालकों ने सचिवालय कूच भी किया था। जिसके बाद यातायात निदेशालय और परिवहन विभाग ने यूनियन से हुई वार्ता के क्रम में रूटों का निर्धारण कर दिया। लेकिन वार्ता के तत्काल बाद ही यूनियन ने निर्धारित रूटों का पालन करने से मना कर दिया और मुख्य मार्गों पर बेरोक-टोक चलने की अनुमति दिए जाने को लेकर अनशन भी शुरू कर दिया। शनिवार को ई-रिक्शा चालक ऋषि पाल सिंह, राहुल धीमान, सुरेश शर्मा और रविंद्र त्यागी का अनशन जारी रहा।

यूनियन के पदाधिकारियों ने कहा कि एक फरवरी को अधिकारियों से साथ हुई बैठक में तय हुआ कि दूसरे चक्र की वार्ता आठ फरवरी को होगी, लेकिन उन्हें नहीं बुलाया गया। ऐेसे में पदाधिकारियों ने कहा कि उनकी अनदेखी की जा रही है और ई-रिक्शा चालक भुखमरी के कगार पर हैं। सोमवार तक उनकी मांगों पर विचार नहीं किया गया तो वह चैराहों पर ई-रिक्शा फूंक कर विरोध जताएंगे। धरना में मारूफ राव, अधिवक्ता रॉबिन त्यागी, भुवनेश चंद्रा, सत्यवीर, पीयूष तिवारी, मनीष, बादल रोहित और अन्य भी मौजूद रहे।

सीएम आवास के बाहर धरने की चेतावनी

वहीं, शीशमबाड़ा कूड़ा निस्तारण केंद्र नहीं हटने पर आंदोलनकारियों ने अब मुख्यमंत्री आवास के बाहर अनिश्चितकालीन धरना देने की चेतावनी दी है। साथ ही पूरे जिले में जन जागरण अभियान चलाने की बात कही है। कूड़ा निस्तारण केंद्र को हटाने के लिए लोगों का धरना 126 वें दिन भी जारी रहा।

आंदोलनकारियों ने कहा कि सरकार कूड़ा निस्तारण केंद्र के माध्यम से लोगों को बीमारियां बांटने का काम कर रही है। जनता की भावनाओं और जीवन की सरकार सुरक्षा नहीं कर सकती है। इसलिए अब आंदोलन को निर्णायक मोड़ पर ले जाने का समय आ गया है। धरने में विनोद चैहान, राकेश नेगी, राजेश शर्मा, नीलम थापा, रेवा देवी जुयाल, राहुल कुकरेती, शशि कुमार, प्रेम सिंह नेगी, सुधीर रावत, रेखा भट्ट, रीता शर्मा, सपना शर्मा, आशा रावत, सरिता रावत, शोभा जुगरान, सुशीला बडोनी, नीतू बडोनी, नीमा जोशी, जितेंद्र गुप्ता, राशिद पहलवान, सुमित चैधरी, राजीव गुरुंग, राजाराम, भगवान सिंह राठौर, श्रीपाल ठाकुर, मनीष झा, अमित अग्रवाल, निरंजन चैहान, दीपा जोशी, आशा चैहान, संदीप भंडारी, अरविंद भट्ट, कुसुम भट्ट, बीरा चैहान, सुमाली बिष्ट, विनीता भंडारी आदि मौजूद रहे।

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