देहरादून। केंद्र सरकार के सहयोग से देहरादून के परेड मैदान में बुधवार से शुरू हो रहे आरोग्य मेले में ओपीडी और परामर्श का कोई पैसा नहीं लिया जाएगा। मेले में उपचार के तहत दी जाने वाली दवाइयां भी मुफ्त में ही दी जाएंगी। पांच दिन के इस मेले में करीब 50 हजार लोगों के शामिल होने की संभावना है।
सचिवालय के मीडिया सेंटर में मीडिया से मुखातिब आयुष मंत्री हरक सिंह ने कहा कि आरोग्य मेले की पहली बार उत्तराखंड को मेजबानी करने का मौका मिला है। मेले में नाड़ी देख कर रोग बताने से लेकर विभिन्न तरीके से उपचार करने वाले विशेषज्ञ शामिल हो रहे हैं।
इसके अलावा आयुर्वेदिक महाविद्यालय, फार्मेसियां, दवा बनाने वाली कंपनियां आदि भी मेले में शामिल हो रही हैं। राज्यपाल बेबीरानी मोर्य मेले का उद्घाटन करेंगी। आयुष मंत्री के मुताबिक आरोग्य मेले को रोजगार से जोड़ने की कोशिश की गई है। प्रदेश में जड़ी बूटी का अथाह भंडार है।
पीएचडी चैंबर ऑफ कामर्स के पदाधिकारी डॉ. डीके अग्रवाल ने कहा कि वैकल्पिक चिकित्सा पद्धतियों के प्रसार की भारी गुंजाइश है। उत्तराखंड थोड़ी सी कोशिश में ही आयुष हब बन सकता है। यह कारोबार भी तेजी से बढ़ रहा है। सचिव डॉ. दिलीप जावलकर, आयुष निदेश आनंद स्वरूप सहित अन्य शामिल थे।
इनका पद्धतियों के तहत होगा उपचार
इस मेले में आयुर्वेद, होम्योपैथी, नेचुरोपैथी, लीच (जोंक) थेरेपी, होम्योपैथी, यूनानी, पंचकर्म आदि का इलाज होगा।
एक नजर
300000 से ज्यादा दवाइयों के संयोजन हैं आयुर्वेद, यूनानी, होम्योपैथिक में
50 हजार लोगों के इस मेले में शामिल होने का अनुमान है मेले में
2000 औद्योगिक इकाइयां, फार्मा आदि शामिल हो रही हैं मेले में
16 स्टाल केंद्र और 13 राज्य सरकार की ओर से लगाए गए हैं