देहरादून। भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) के कर्मचारियों ने आईपीओ के माध्यम से सरकार की हिस्सेदारी बेचने के फैसले का कड़ा विरोध किया है। मंगलवार को धर्मपुर स्थित एलआईसी मंडल कार्यालय के सामने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। कर्मचारियों का कहना है कि ये तानाशाही है। जबरदस्ती कोई भी नियम थोपा नहीं जा सकता है।
वहीं, सोमवार को विकासनगर स्थित एलआईसी मुख्यालय के बाहर भी कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर प्रदर्शन किया था। कर्मचारियों ने कहा कि वर्तमान में भारतीय जीवन बीमा निगम जीवन बीमा निगम देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी है। एलआईसी का देश के जीवन बीमा बाजार पर करीब तीन-चैथाई कब्जा है। सरकार का कंपनी की हिस्सेदारी बेचे जाने का फैसला देशहित में नहीं है।
आज यह कंपनी पूंजी के मामले में भारत की सबसे बड़ी वित्तीय कंपनी बन गई है, जो भारतीय स्टेट बैंक को भी पीछे छोड़ चुकी है। एलआईसी की स्थापना 1956 में केंद्र सरकार ने की थी और देश में जीवन बीमा के क्षेत्र में इसकी सबसे ज्यादा बाजार भागीदारी है। एलआईसी की हिस्सेदारी बेचे जाने के बाद लोगों को इंश्योरेंस करवाने के लिए अधिक रकम खर्च करनी पड़ेगी। कहा यदि सरकार अपने इस निर्णय को वापस नहीं लेती तो कर्मचारियों को आंदोलन के लिए बाध्य होना पड़ेगा।