देहरादून। रोडवेज कार्यशाला की जमीन के बदले आइएसबीटी का स्वामित्व व 100 करोड़ रुपये की मांग कर रहे रोडवेज कर्मियों ने प्रदेश के सभी परिवहन डिपो, कार्यशाला और प्रशासनिक कार्यालयों में प्रदर्शन किया। कर्मचारियों की ओर से टाटा कंपनी की नई बसों के खराब होने से रोडवेज को हो रहे रोजाना नुकसान की वसूली भी टाटा कंपनी से किए जाने की मांग की। रोडवेज कर्मचारी संयुक्त परिषद ने मामले में 20 दिसंबर को सचिवालय कूच का एलान किया है।
रोडवेज कार्यशाला की जमीन को स्मार्ट सिटी के अंतर्गत शहरी विकास विभाग को देने का मामला गरमाता जा रहा है। मामले में रोडवेज के कर्मचारी संगठन आइएसबीटी के स्वामित्व के बिना संधि करने को तैयार नहीं हैं। आइएसबीटी के साथ ही कर्मचारी नई कार्यशाला के निर्माण के लिए सौ करोड़ रुपये की मांग भी कर रहे। इसे लेकर बीते दिनों बसों का चक्का जाम भी किया गया था।
आंदोलन के क्रम में अब सभी कार्यशाला, प्रशासनिक कार्यालयों एवं डिपो में एक दिवसीय धरना का कार्यक्रम परिषद ने तय किया था। परिषद के प्रदेश महामंत्री दिनेश पंत के नेतृत्व में कर्मचारियों ने पहले कार्यशाला व फिर प्रशासनिक कार्यालय में प्रदर्शन किया। वहीं, दिनेश गोसाईं के साथ कर्मचारियों ने पर्वतीय डिपो में प्रदर्शन कर नारेबाजी की।
कर्मचारियों ने कार्यशाला की जमीन के बदले आइएसबीटी स्वामित्व व 100 करोड़ रुपये के बिना समझौता करने से इन्कार किया। वहीं, टाटा कंपनी से ली नई बसों की जांच जल्द पूरी कराने व बसों के खड़े होने से निगम को हुए नुकसान की भरपाई टाटा कंपनी से की जाए। प्रतिदिन प्रति बस के हिसाब से 30-30 हजार रुपये की वसूली की मांग की गई।