देहरादूनः जेल में अभिनव ने लगाई फांसी, भाई ने पुलिस पर उठाए कई सवाल

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देहरादून। सहसपुर थाने की हवालात में हुई युवक की मौत पर परिजनों का कहना है कि जांच में सच्चाई सामने आनी चाहिए। वे न्यायिक जांच में पूरा सहयोग करेंगे। उन्होंने युवक की गिरफ्तारी के समय, पीड़ित लड़की के परिजनों की ओर से दर्ज मुकदमे और मौत को लेकर पुलिस की कहानी पर संदेह जताया। कहा, न्याय के लिए वह कानूनी लड़ाई लड़ेगें।
पुलिस के अनुसार, लड़की से दुष्कर्म का प्रयास और ब्लैकमेलिंग के आरोपी अभिनव यादव (24 वर्ष) निवासी चैबे छपरा, जिला बलिया, उत्तर प्रदेश ने सहसपुर थाने की हवालात में शुक्रवार रात फांसी लगा ली थी। टनकपुर (चंपावत) क्षेत्र निवासी एक व्यक्ति ने शुक्रवार को सहसपुर थाने में मुकदमा दर्ज कराया था कि उनकी बेटी क्षेत्र के एक कॉलेज से मेडिकल की पढ़ाई कर रही है।

करीब दो साल पहले उनकी बेटी शादी समारोह में अभिनव के संपर्क में आई थी। दोनों में दोस्ती हुई तो अभिनव ने बदनीयती से उसका वीडियो बना दिया। वीडियो वायरल कर लड़की से दुष्कर्म का प्रयास किया। शुक्रवार को अभिनव को गिरफ्तार कर हवालात में बंद किया था। रात को उसने कंबल की पट्टी उतारकर फंदा बनाया और अंदर लगी कील पर लटककर फांसी लगा दी। फांसी का पता पुलिस को शनिवार सुबह लगा।

परिचित, परिजन और अभिनव के दोस्त जांच में सहयोग करने को तैयार
रविवार को पोस्टमार्टम हाउस में अभिनव का तीन डॉक्टरों की टीम ने पोस्टमार्टम किया। पोस्टमार्टम हाउस के बाहर मौजूद अभिनव के भाई शंभू सिंह यादव ने बताया कि अधिकारियों की ओर से उन्हें बताया कि मामले की न्यायिक जांच के आदेश हुए हैं। वे और उनके परिचित, परिजन और अभिनव के दोस्त जांच में सहयोग करने को तैयार हैं।

शंभू ने बताया कि अभिनव के दोस्तों से पता चला है कि उसे कई दिन से फोन पर कोई धमकी दे रहा था। बृहस्पतिवार सुबह कॉल आने पर वह घर से निकला था। देर तक जब घर नहीं पहुंचा तो कॉल की, लेकिन उसका मोबाइल स्विच ऑफ था। शंभू ने आरोप लगाया कि उन्हें भाई की मौत की सूचना देर में दी।

शनिवार को पहले बताया गया कि उसका एक्सीडेंट हुआ है और फिर आत्महत्या की कहानी सुनाई गई। यह कहानी परिजनों के गले नहीं उतर रही है। उन्होंने न्यायिक जांच पर भरोसा जताया। साथ ही जांच में सहयोग का आश्वासन दिया।

न्यायिक मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में हुआ पोस्टमार्टम
अभिनव के शव का न्यायिक मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में रविवार को पोस्टमार्टम हुआ। पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी भी हुई। चिकित्सीय सूत्रों के अनुसार, अभिनव के गले में रस्सीनुमा कपड़े जैसी चीज के निशान प्रतीत हो रहे थे। शरीर में दूसरी किसी जगह चोट के निशान नहीं थे। ऐसा लगता है कि हैंगिग से उसकी जान गई है।

हालांकि, मौत के कारण और पोस्टमार्टम की पूरी रिपोर्ट डॉक्टरों ने सीएमओ को भेजने की बात कही गई। सीएमओ के माध्यम से पुलिस को रिपोर्ट की जानकारी दी जाएगी। उधर, अभिनव के शव को उसका भाई और साथी पोस्टमार्टम के बाद हरिद्वार ले गए और अंतिम संस्कार कर दिया।

दिल्ली में रहता है परिवार

अभिनव के भाई शंभू सिंह ने बताया कि वे दो भाई थे। जब वे छोटे थे तो उनकी मां का निधन हो गया था। अब वे दोनों भाई पिता लाल जी यादव के साथ नई दिल्ली के वसंत विहार क्षेत्र में रहते थे। अभिनव दिल्ली में एक डीटीएच कंपनी में काम करता था। शंभू ने बताया कि पिता का स्वास्थ्य ठीक न होने के कारण वह देहरादून आने में समर्थ नहीं थे।

पुलिस ने बरती पारदर्शितारू एसएसपी
एसएसपी अरुण मोहन जोशी ने बताया कि इस मामले में जो भी कार्रवाई हुई है, वह पारदर्शी तरीके से हुई है। कहीं पर किसी चीज को हाइप करने की पुलिस ने कोई कोशिश नहीं की।

प्रकरण की न्यायिक जांच कर रहे जज साहब को कल ही थाने के सीसीटीवी कैमरे की डीवीआर सौंप दी गई थी। जिसमें गिरफ्तारी के दौरान की पूरी हवालात की रिकार्डिंग नजर आ रही है। पंचायतनामा भरने से लेकर पोस्टमार्टम तक की कार्रवाई भी जज साहब के सामने हुई है।

एसीजेएम विकासनगर कर रहे न्यायिक जांच

हवालात में अभिनव की मौत प्रकरण की न्यायिक जांच हो रही है। अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट विकासनगर मदन राम मामले की जांच कर रहे हैं। एसीजेएम मदन राम की ओर से अभिनव के पिता को भेजे पत्र में कहा है कि अगर उनके पास इससे जुड़ी कोई भी जानकारी हो तो उनके न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत होकर बताएं।

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