देहरादून। प्रतिष्ठित वेल्हम बॉयज स्कूल में असोम में तैनात रहे चुके सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारी के बेटे की रैगिंग और यौन उत्पीड़न का मामला सामने आने के बाद हड़कंप मच गया है। एक तरफ पुलिस मामले की जांच कर रही है तो वहीं स्कूल ने भी अपना पक्ष रखा है।
जबरन स्कूल में घुसे एनएसयूआई के छात्र
शुक्रवार को डीएवी कालेज के एनएसयूआई के छात्र वेल्हम ब्वाॅयज स्कूल के बाहर पहुंच गए और नारेबाजी करने लगे। इस दौरान वहां तैनात पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की।
एनएसयूआई के छात्र गेट जबरन खोलकर स्कूल कैंपस में घुसे। प्रधानाचार्य पर आरोप लगाते हुए नारेबाजी की। वह प्रधानाचार्य से वार्ता की मांग पर अड़ गए। छात्र नेता सिद्धार्थ अग्रवाल ने कहा कि इस पूरे मामले में स्कूल दोषी है। छात्र को मजबूरी में स्कूल छोड़ना पड़ा है। डीएवी पीजी कोलेज के छात्र नेताओं के स्कूल में प्रदर्शन को देखते हुए स्कूल परिसर में पुलिस बल तैनात है।
हमारे लिए हर बच्चा जरूरी
वहीं स्कूल की प्रधानाचार्य संगीता केन ने कहा कि जो भी शिकायतें आती हैं उसे स्कूल कभी भी नजरंदाज नहीं करता। हर बच्चा हमारे लिए जरूरी है। जिस छात्र पर आरोप लगाया जा रहा है यदि पुलिस जांच में निर्दोष पाया जाता है तो बेवजह अन्य छात्रों पर भी बुरा असर पड़ेगा।
जांच में कहीं भी ऐसा कुछ तथ्य नहीं पाया गया
स्कूल ने कॉन्फ्रेंस हाल में पत्रकार वार्ता के दौरान प्रधानाचार्य ने कहा कि अभिभावक की ओर से शिकायत मिलने में बाद स्कूल प्रशासन ने बच्चे से बात की। हेड आफ डिपार्टमेंट से लेकर हाउस मास्टर, सीनियर और जूनियर सभी छात्रों से अलग अलग जगह बात हुई। यहां तक कि छात्र की अभिभावक से वीडियो कॉल भी कराई गई। लेकिन जांच में कहीं भी ऐसा कुछ तथ्य नहीं पाया गया जो आरोप लगे थे।
फिर भी स्कूल प्रशासन ने अभिभावक से बात की और कहा कि यदि उनके पास इस मामले में और अधिक जानकारी है तो स्कूल को बता दें ताकि एक्शन लिया जा सके, लेकिन उन्होंने ऐसा कुछ बताया भी नहीं। 18 मई को स्कूल की छुट्टी पड़ने से छात्र घर चला गया।
अब यह मामला पुलिस से यहां तक पहुंचा है तो स्कूल भी पूरा सहयोग करेगा। कहा कि बात किसी पर आरोप लगा देने की नहीं बल्कि छात्रों के भविष्य की है। यहां रहने वाले 550 छात्रों में हमारे लिए प्रत्येक छात्र महत्वपूर्ण है। हम भी इन्हीं छात्रों के लिए यहां सेवा दे रहे हैं न कि किसी को बेवजह दंड देने लिए।