देहरादून। क्वारंटाइन सेंटरों की बदहाल व्यवस्था की शुक्रवार को एक और स्याह तस्वीर सामने आई। बालावाला में एक क्वारंटाइन सेंटर में 19 वर्षीय युवक ने फांसी लगाकर जान दे दी और जिम्मेदारों को इसकी भनक तब लगी, जब शव से बदबू आने पर वहां क्वारंटाइन एक परिवार ने पुलिस को सूचना दी। इससे भी गंभीर यह है कि जिस कमरे में युवक रह रहा था, वह दो दिन से बंद था, लेकिन क्वारंटाइन सेंटर की व्यवस्था देख रहे किसी भी जिम्मेदार ने इसकी वजह जानने की जहमत नहीं उठाई। आशंका जताई जा रही है कि युवक ने दो दिन पहले ही आत्महत्या की थी। ऐसे में जिला प्रशासन के साथ ही पुलिस और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की भूमिका भी कठघरे में है। फिलहाल घटनास्थल से पुलिस को कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। जिस कारण खुदकुशी की वजह स्पष्ट नहीं हो पाई है। शव का कोरोना जांच के लिए सैंपल लिया गया है।
प्रशासन ने बालावाला स्थित भगवान दास मेडिकल कॉलेज के ब्वॉयज हॉस्टल में क्वारंटाइन सेंटर बनाया है। यहां कई लोग क्वारंटाइन हैं। बीती पांच-छह जून की रात को जबलपुर (मध्य प्रदेश) से बस में संकेत मेहरा नाम का युवक देहरादून पहुंचा था। उसे भी इसी हॉस्टल में क्वारंटाइन किया गया। यहां से उसे हरिद्वार के ज्वालापुर जाना था।
रायपुर के थानाध्यक्ष अमरजीत सिंह रावत ने बताया कि शुक्रवार को सुबह करीब साढ़े आठ बजे युवक के पड़ोस वाले कमरे में क्वारंटाइन एक परिवार ने उसके कमरे से बदबू आने की सूचना दी। रायपुर पुलिस कुछ चिकित्सकों के साथ मौके पर पहुंची और कमरे का दरवाजा तोड़ा तो युवक फंदे से लटकता मिला। पीपीई किट में आई टीम ने युवक के शव को फंदे से नीचे उतारा। मृतक के पास कोई पहचान पत्र और सामान भी नहीं था। ऐसे में क्वारंटाइन सेंटर के रजिस्टर में दर्ज युवक के मोबाइल नंबर की कॉल डिटेल खंगाली गई। तब उसके परिजनों के फोन नंबर और पते की जानकारी मिली।
एसओ ने बताया कि आत्महत्या से पहले युवक ने अंदर से कुंडी लगाकर उसे बेल्ट से बांध दिया था ताकि कोई आसानी से कमरे में प्रवेश न कर सके। मृतक की जेब से सिर्फ एक नेम प्लेट मिली है। सीओ रायपुर पल्लवी त्यागी ने बताया कि शव की स्थिति देखकर लग रहा है कि दो दिन पुराना है।
शनिवार को खत्म होना था क्वारंटाइन
युवक छह जून से क्वारंटाइन सेंटर में रह रहा था। उसका 14 दिन का क्वारंटाइन पीरियड शनिवार को खत्म होना था। युवक के खुदकुशी करने की वजह का अब तक पता नहीं चल पाया है। इस घटना से हॉस्टल में क्वारंटाइन अन्य लोग दहशत में हैं।
मार्च में रेलवे में भर्ती हुआ
युवक मूल रूप से रानी दुर्गावती वार्ड जबलपुर (मध्य प्रदेश) का रहने वाला था। मृतक के पिता जबलपुर में ही प्राइवेट डॉक्टर हैं। युवक के परिजनों से बात करने पर पुलिस को पता चला कि वह बीती मार्च में ही रेलवे में भर्ती हुआ था और ट्रेनों में चादर उठाने का काम करता था।
पिता से बोला दिल्ली जा रहा हूं, पहुंच गया देहरादून
दो जून को युवक ने अपने पिता को फोन पर सूचना दी कि उसका तबादला दिल्ली हो गया है। इसलिए वह दिल्ली जा रहा है। लेकिन, दिल्ली जाने की बजाय युवक दून क्यों आया। पुलिस के लिए यह सवाल भी गुत्थी बना हुआ है। यहां क्वारंटाइन सेंटर में उसने बताया था कि किसी काम से ज्वालापुर, हरिद्वार जाना है। पुलिस इस बात की भी पड़ताल कर रही है कि वह ज्वालापुर में कहां जाने वाला था।