देहरादून। आखिर लंबी कसरत के बाद जिला प्रशासन ने दून जनपद में एंबुलेंस का किराया तय कर दिया है। नया किराया शुक्रवार सुबह से ही मान्य होगा। इसके तहत सामान्य एंबुलेंस का 15 किमी तक का किराया 800 रुपये निर्धारित किया गया है। बेसिक सपोर्ट या ऑक्सीजन सपोर्ट एंबुलेंस में 15 किमी तक का किराया 1200 रुपये, जबकि एडवांस सपोर्ट सिस्टम एंबुलेंस का इतनी परिधि का किराया 3000 रुपये तय किया गया है। एडवांस सपोर्ट के तहत यह किराया एंबुलेंस में सिर्फ चालक की मौजूदगी का है। अगर एंबुलेंस में नर्सिग स्टॉफ भी है तो उसका किराया 4000 रुपये और अगर डॉक्टर भी मौजूद होंगे तो उसका किराया 6000 रुपये देना होगा।
कोरोना जैसी महामारी में जब एंबुलेंस संचालक पूरे प्रदेश में मनमानी पर उतारू हैं, ऐसे समय में एंबुलेंस का किराया तय करने में सरकारी सिस्टम ने दो हफ्ते लगा दिए। शासन ने यह जिम्मेदारी जिलाधिकारी को सौंपी थी, लेकिन दून के जिलाधिकारी परिवहन विभाग की ओर से दिए प्रस्ताव से संतुष्ट नहीं थे। वह प्रस्ताव में बताए किराए को अधिक मान रहे थे और दो बार प्रस्ताव लौटा दिया। बाद में उन्होंने शासन स्तर पर फैसला होने के बाद किराया लागू करने की बात कही। इस बीच परिवहन विभाग ने भी किराया प्रस्तावित कर गुरुवार को शासन के पास भेज दिया लेकिन उस पर निर्णय अभी नहीं हुआ है।
मामला लटकते देख परिवहन विभाग ने दून के लिए नया प्रस्ताव बनाकर गुरुवार को जिलाधिकारी डा. आशीष कुमार श्रीवास्तव को भेजा। जिलाधिकारी ने मंथन के बाद इसे मंजूर कर लिया।
एंबुलेंस का किराया और श्रेणी तय करने को लेकर आरटीओ प्रवर्तन संदीप सैनी की अध्यक्षता में टीम बनाई गई थी। एआरटीओ प्रवर्तन रश्मि पंत की इसमें अहम जिम्मेदारी बताई जा रही। इसमें एंबुलेंस को सुविधा व तकनीक के हिसाब से अलग-अलग श्रेणी में बांटा गया है।
तीन श्रेणी में बांटी गईं एंबुलेंस
सामान्य एंबुलेंस, बेसिक सपोर्ट एंबुलेंस एवं एडवांस सपोर्ट सिस्टम एंबुलेंस। विभाग ने एंबुलेंस को इन तीन श्रेणी में बांटा है एवं इनमें भी भार के हिसाब से दो श्रेणी बनाई गई हैं। एक श्रेणी 3000 किलो से कम भार वाली जबकि दूसरी इससे ऊपर के भार की है। पहली श्रेणी में वैन व इको समेत बोलेरो एंबुलेंस को रखा गया है जबकि दूसरी श्रेणी में फोर्स कंपनी की एंबुलेंस।
मरीज को उपलब्ध करानी होगी किट
प्रशासन ने आदेश में स्पष्ट किया है कि कोविड मरीज के परिवहन के लिए एंबुलेंस में चालक को पीपीई किट, सैनिटाइजर और मास्क मरीज या फिर उसके तीमारदार को उपलब्ध कराना होगा। मरीज के अनुरोध पर एंबुलेंस में अतिरिक्त संसाधन और जनशक्ति की व्यवस्था एंबुलेंस संचालक को उपलब्ध करानी होगी। इसके लिए अतिरिक्त खर्च की अदायगी करनी पड़ेगी।
एक घंटे के बाद अलग किराया
प्रशासन के मुताबिक 15 किमी के लिए तय किया गया सामान्य, बेसिक सपोर्ट और एडवांस सपोर्ट एंबुलेंस का किराया एक घंटे के लिए और एक तरफ छोड़ने के लिए है। एक घंटे के बाद 15 किमी के लिए सामान्य एंबुलेंस में 200 रुपये प्रतिघंटा और बेसिक सपोर्ट एंबुलेंस के लिए 250 रुपये प्रतिघंटा प्रतीक्षा शुल्क देना होगा। इसके अलावा 15 किमी से अधिक दूरी के सामान्य एंबुलेंस में 18 रुपये प्रति किमी और बेसिक सपोर्ट एंबुलेंस में 20 रुपये प्रति किमी देने होंगे। एडवांस सपोर्ट एंबुलेंस में नर्सिग स्टॉफ के साथ अधिक किमी के लिए 45 रुपये प्रति किमी और डॉक्टर के साथ 50 रुपये प्रति किमी देने होंगे।
डा. आशीष कुमार श्रीवास्तव (जिलाधिकारी देहरादून) का कहना है कि एंबुलेंस संचालकों की ओर से मनमाने किराये की शिकायत पर अस्थायी तौर पर जिले में एंबुलेंस के किराये की दरें निर्धारित कर दी गई हैं। आरटीओ की टीम ने अलग अलग श्रेणी के हिसाब से एंबुलेंस के लिए किराए की दरें प्रस्तावित की थीं, जो मंजूर का ली गई हैं। अब यदि एंबुलेंस संचालक ने अधिक किराया वसूला तो उसके विरुद्ध आपदा प्रबंधन अधिनियम में मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी।