देहरादून। आज 24 फरवरी को देहरादून में चीता पुलिस नए कलेवर में लांच हो गई। चीता पुलिस की यह लांचिंग मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत पुलिस लाइन देहरादून से की। जहां 150 महिला और पुलिस सिपाहियों ने अपने तेवर दिखाए। चीता पुलिस के इन सिपाहियों को अत्याधुनिक शॉर्ट रेंज वेपन (पिस्टल) चलाने की ट्रेनिंग दी गई है। इसके साथ ही मौके पर जाने और लोगों से बातचीत करने आदि के बारे में भी उन्हें करीब एक महीने तक प्रशिक्षित किया गया है। चीता पुलिस की वर्दी पर अब एक कैमरा लगा हुआ है। जिससे वे सीपीयू के जवानों की तरह सारे घटनाक्रम को रिकॉर्ड कर सकें। इसके साथ ही आज महिला कमांडो के दस्ते को भी एटीएस में शामिल किया गया है। महिला कमांडो ने पीटीसी नरेंद्रनगर में प्रशिक्षण लिया है। उत्तराखंड में किसी भी तरह की आतंकी गतिविधियों का अब उत्तराखंड पुलिस की महिला कमांडो फोर्स भी मुंहतोड़ जवाब देगी। पुलिस ट्रेनिंग कॉलेज (पीटीसी) नरेंद्रनगर में पहली बार महिला पुलिस कर्मियों के एक दस्ते को कमांडो फोर्स का प्रशिक्षण दिया गया है। प्रशिक्षण पूरा होने के बाद फोर्स को एंटी टेररिज्म स्क्वायड (एटीएस) में शामिल किया गया है। उत्तराखंड पुलिस ट्रेनिंग कॉलेज नरेंद्रनगर (जनपद टिहरी) में पुलिस कर्मियों को कई तरह के प्रशिक्षण दिए जाते हैं।
इसमें पुलिस कमांडो फोर्स का प्रशिक्षण भी शामिल है। उत्तराखंड पुलिस ट्रेनिंग कॉलेज नरेंद्रनगर (जनपद टिहरी) में पुलिस कर्मियों को कई तरह के प्रशिक्षण दिए जाते हैं। जिसमें पुलिस कमांडो फोर्स का प्रशिक्षण भी शामिल है।
अभी तक यह सिर्फ पुरुष पुलिस कर्मियों को ही दिया जाता रहा है। यह फोर्स आतंकवाद से निपटने में अपनी अहम भूमिका निभाती है। लेकिन अब इसके लिए पुलिस महकमा महिला पुलिस कर्मियों को भी तैयार कर रहा है। महिला कमांडो फोर्स तैयार करने के लिए पीटीसी में पहली बार महिला पुलिस दस्ते को कमांडो का प्रशिक्षण दिया गया है।
इस दस्ते में 22 महिला पुलिस कर्मी शामिल हैं, जिसमें दो महिला एसआई और 20 महिला कांस्टेबल शामिल हैं। प्रशिक्षण पूरा होने के बाद इन्हें एंटी टेररिज्म स्क्वायड में शामिल किया गया है। पीटीसी में महिला पुलिस कमांडो फोर्स को भारत की सबसे अहम कमांडो फोर्स नेशनल सिक्योरिटी गार्ड (एनएसजी) की तर्ज पर प्रशिक्षण दिया गया है।
जिसमें एंटी टेरेरिस्ट ऑपरेशन, कॉबिंग, फायरिंग के साथ ही अन्य ऑपरेशनों से निपटने संबंधी प्रशिक्षण शामिल हैं। संगठित अपराध, ड्रग तस्करी आदि की रोकथाम के लिए भी यह फोर्स काम करेगी। दो माह तक यह प्रशिक्षण चला। महिला सशक्तिकरण को भी इससे बल मिलेगा।