देहरादून। देहरादून के कौलागढ़ क्षेत्र स्थित सिरमौर मार्ग पर बिना लाइसेंस चल रही मांस की दुकान को बंद करने के आदेश दे दिए गए हैं। मुख्य नगर स्वास्थ्य अधिकारी के आदेश में क्षेत्र के सफाई निरीक्षक और सफाई नायक पर जानबूझकर लापरवाही बरतते हुए दुकान चलवाने की बात भी कही गई है। उधर, इस मामले में आरटीआइ क्लब के महासचिव अमर सिंह धुन्ता को धमकी भी मिली है, जिसको लेकर धुन्ता ने मुख्य सूचना आयुक्त को शिकायत भेजी है।
दरअसल, राजधानी के सिरमौर मार्ग पर शेर-ए-पंजाब चिकन शॉप के पास खाद्य सुरक्षा विभाग का लाइसेंस नहीं है। इसको लेकर जारी किए गए मुख्य नगर स्वास्थ्य अधिकारी के आदेश में कहा गया है कि सफाई निरीक्षक और सफाई नायक ने लाइसेंस के आवेदन को ही लाइसेंस मान लिया है और भली भांति दुकान के प्रपत्रों की जांच नहीं कि गई। इस स्थिति पर नाराजगी जाहिर करते मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी ने कहा है कि संबंधित दुकान को तत्काल बंद कराने की कार्रवाई की जाए। आरटीआइ क्ल्ब के महासचिव को सूचना मांगने पर धमकी दिए जाने पर मानवाधिकार और आरटीआइ कार्यकर्ता भूपेंद्र कुमार ने मानवाधिकार आयोग और वरिष्ठ पुलिस अधिकारी को शिकायत भेजकर आवश्यक कार्रवाई की मांग की है।
खुले में बिक रहा मांस
रायवाला बाजार में चल रही मांस की दुकानों में कहां से मांस आ रहा है या कैसे जानवर को काटा जा रहा है। इसकी जानकारी न तो लोगों को होती है और और न ही स्थानीय प्रशासन को। संबंधित विभाग भी इस ओर बेपरवाह बना हुआ है। ग्रामीण क्षेत्र के बाजार में बिना जांच के मांस बेचा जा रहा है। मांस विक्रेता अपने घर या दुकान के पास खाली पड़ी जगहों में पशुओं को काटकर उनका मांस दुकानों तक पहुंचा देते हैं।
नियमों के लागू न होने और बाइलॉज के अभाव में खुले में जानवरों के कटने से गंदगी तो फैलती ही है। साथ ही यह सुनिश्चित नहीं होता कि जिस जानवर का मांस बिक रहा है वह स्वस्थ था भी या नहीं। मांस की दुकानों के आसपास उठने वाली दुर्गन्ध ने भी लोगों को परेशान करती है। मीट की बिक्री के लिए कड़े नियम अवश्य बनाए गए हैं पर उनका खुला उल्लंघन हो रहा है़। नियमानुसार सड़क से दुकान के अंदर की गतिविधि दिखाई नहीं देनी चाहिए और मांस भी खुले में नजर नहीं आना चाहिए।