देहरादून। राजधानी से हरियाणा के गुरुग्राम व फरीदाबाद और हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला शहर के लिए शुक्रवार से बसों का संचालन शुरू हो जाएगा। वहीं गुरुवार को आईएसबीटी से सिर्फ चंडीगढ़ के लिए ही छह बसों का संचालन हो सका। जबकि धर्मशाला, पंजाब व हरियाणा रूट के लिए यात्री न होने के कारण बसों का संचालन नहीं किया गया।
परिवहन निगम के महाप्रबंधक दीपक जैन ने बताया कि शुक्रवार सुबह से धर्मशाला, गुरुग्राम व फरीदाबाद के लिए पुराने शेड्यूल पर बस सेवा शुरू की जाएगी। जबकि पंजाब के लिए एक-दो दिन बाद संचालन शुरू होगा। पहले दिन चंडीगढ़ गई बसों में 40 से 60 प्रतिशत सीटें भरी रहीं। जबकि गुरुग्राम के लिए बसें न चलने के कारण कई लोग वापस लौट गए। इनमें अधिकांश लोग वहां नौकरी करने वाले थे।
208 दिन बाद अल्मोड़ा से दिल्ली के लिए सुबह चली बस
आखिरकार 208 दिन बाद सुबह सात बजे रोडवेज की अल्मोड़ा-दिल्ली बस सेवा शुरू हो गई। ये सेवा जनता कर्फ्यू के बाद से बंद थी। बृहस्पतिवार को बस को छह यात्री मिले। पुराने किराए में दिल्ली के लिए सुबह बस चलने से यात्रियों को बड़ी राहत मिली।
अल्मोड़ा और आसपास के इलाकों से कई लोग दिल्ली जाते हैं। रोडवेज की दिल्ली को शाम चार और साढ़े छह बजे भी बसों का संचालन होता है लेकिन सुबह के समय दिल्ली के लिए कोई सेवा नहीं होने से यात्रियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था। रोडवेज डिपो की दिल्ली के लिए अब तीन सेवाओं का संचालन होने से यात्री भारी राहत महसूस कर रहे हैं। यात्रियों ने अन्य रूटों पर भी बसों का संचालन शुरू करने की मांग की।
आज से रोडवेज चंडीगढ़ को चलाएगा बस
रोडवेज डिपो अल्मोड़ा 16 अक्तूबर से चंडीगढ़ के लिए भी बस सेवा संचालित कर रहा है। रोडवेज स्टेशन से मिली जानकारी के मुताबिक शुक्रवार से रोडवेज दिन के डेढ़ बजे अल्मोड़ा-चंडीगढ़ बस सेवा शुरू करेगा। यह सेवा भी जनता कर्फ्यू से बंद थी। बताया गया है कि चडीगढ़ सेवा अच्छा राजस्व अर्जित करती है। अब इस सेवा के संचालन होने को लेकर डिपो कई उम्मीदें लगाए है।
अल्मोड़ा-बागेश्वर सेवा का संचालन रहा ठप
अनलॉक-5 में भी रोडवेज और केमू की बसों को सीटिंग क्षमता के अनुसार यात्री नहीं मिल रहे हैं। बृहस्पतिवार को रोडवेज की अल्मोड़ा-बागेश्वर-ताकुला सेवा का संचालन ठप रहा। इसके अलावा मासी, टनकपुर, हल्द्वानी, देहरादून, अटपेसिया, देहरादून, हरिद्वार समेत अन्य बसों को पचास फीसदी से भी कम यात्री मिले। इससे रोडवेज को आर्थिक नुकसान झेलना पड़ रहा है।