विकासनगर। ग्राम अंबाड़ी के दो युवकों ने ऑक्सीजन सिलिडर में लगने वाले फ्लोमीटर को देशी जुगाड़ से तैयार किया है। उन्होंने काफी संख्या में फ्लोमीटर तैयार करके अस्पतालों में जिदगी और मौत के बीच झूल रहे संक्रमितों की मदद करने का बड़ा काम भी किया है। उनका कहना है कि यदि सरकार उनके इस कार्य पर अपना ध्यान केंद्रित करे तो इससे संक्रमण के समय में चल रही उपकरणों की कालाबाजारी पर अंकुश रखने में भी मदद मिल सकती है।
कोरोना संक्रमण के मौजूदा समय में ऑक्सीजन सिलिडर व इसमें लगने वाले अन्य उपकरणों की मांग बेतहाशा बढ़ी है, जिससे बाजार में इसकी कमी आ गई है। जिसका फायदा कुछ कालाबाजारी करने वाले उठा रहे हैं। इसी को देखते हुए ग्राम अंबाड़ी निवासी जमाल खान को किसी संक्रमित की सहायता के लिए फ्लोमीटर की आवश्यकता पड़ी तो उन्हें भी इस कालाबाजारी का शिकार होना पड़ा। उन्होंने जैसे, तैसे तीन हजार दो सौ रुपये में फ्लोमीटर खरीदकर अपनी तत्कालिक आवश्यकता को पूरा तो किया, लेकिन उन्होंने यह तय भी किया कि वह खूब सारे फ्लोमीटर खरीदकर मुफ्त में संक्रमितों को प्रदान करेंगे। उन्होंने अपनी इस योजना को अपने साथी विश्वास चौधरी के साथ साझा भी किया और योजना को आगे बढ़ाने के लिए एक फ्लोमीटर खरीदा। ध्यान से देखने पर उन्हें लगा कि इसे घर पर ही देशी जुगाड़ से तैयार किया जा सकता है। उन्होंने पानी की टंकी के पाइप में लगने वाले सामान से एक फ्लोमीटर तैयार करके डाकपत्थर के कोरोना संक्रमित मरीज पर इसका प्रयोग किया। प्रयोग सफल रहने पर उन्होंने 40 और फ्लोमीटर तैयार करने के साथ ही सोशल मीडिया पर इसकी उपलब्धता की सूचना डाली। सूचना के प्रचारित होते ही उनके पास पछवादून के कई क्षेत्रों के साथ-साथ हिमाचल प्रदेश व उत्तर प्रदेश से कई फोन कॉल आए और सभी ने मदद मांगी। उन्होंने देशी जुगाड़ से तैयार कुल 40 फ्लोमीटर संक्रमितों के स्वजन को उपलब्ध करा दिया। जमाल खान का दावा है कि फ्लोमीटर बिल्कुल ठीक प्रकार से काम कर रहे हैं। कई मरीज उनके फ्लोमीटर से ऑक्सीजन लेकर स्वस्थ्य भी हो चुके हैं। कहा कि यदि सरकार उनके बनाए फ्लोमीटर को जरूरतमंदों की मदद के लिए इस्तेमाल करने पर ध्यान दे तो इससे बाजार में चल रही उपकरणों की कमी और कालाबाजारी की समस्या से निजात मिल सकती है।