देहरादून। किसानों को आर्थिक मदद देने के लिए मोदी सरकार की पीएम किसान सम्मान निधि योजना में प्रदेश के शत प्रतिशत किसानों का पंजीकरण नहीं हुआ है। दो लाख से अधिक किसान ऐसे हैं, जिनके बैंक खातों में अभी तक योजना की एक भी किस्त नहीं पहुंची है।
वहीं, आधार लिंक, जमीन का रिकार्ड, बैंक खातों में त्रुटियों के कारण योजना की प्रत्येक किस्त में लाभार्थियों की संख्या घट रही है। प्रदेश के छह लाख 71 हजार 712 किसानों के खातों में योजना की पहली किस्त के रूप में दो हजार रुपये जमा हुए। जबकि चैथी किस्त में चार लाख 34 हजार 33 किसानों के खातों में योजना का पैसा आया है।
उत्तराखंड में नौ लाख से अधिक किसान हैं। जिसमें 90 प्रतिशत लघु एवं सीमांत किसान हैं। जिनके पास छोटी व बिखरी कृषि जोत हैं। किसानों को आर्थिक मदद देेने के लिए मोदी सरकार ने पीएम किसान सम्मान निधि योजना शुरू की। लेकिन अभी तक उत्तराखंड के दो लाख किसानों का केंद्र की इस महत्वाकांक्षी योजना में पंजीकरण नहीं हो पाया है।
पर्वतीय क्षेत्रों में किसानों का आधार लिंक, कृषि भूमि का रिकॉर्ड, बैंक खातों में त्रुटियों और कनेक्टिविटी की समस्या योजना में आड़े आ रही है। योजना में अब तक छह लाख 87 हजार 29 किसानों का पंजीकरण किया गया। इसमें छह लाख 71 हजार 712 किसानों को योजना की पहली किस्त मिली। इसके बाद प्रदेश के 15662 किसानों को दूसरी किस्त नहीं मिली। इसी तरह 56289 किसानों को तीसरी किस्त और एक लाख 65 हजार 728 किसानों के बैंक खातों में चैथी किस्त नहीं पहुंची है।
प्रदेश के प्रत्येक किसान का योजना में पंजीकरण कराने के लिए जिलाधिकारियों व विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं। योजना में पंजीकृत किसानों के डाटा में त्रुटियां होने के वजह से केंद्र से योजना की किस्त जारी नहीं की जा रही है। त्रुटियों को सही कर सभी किसानों को योजना का लाभ मिलेगा।
– सुबोध उनियाल, कृषि मंत्री
कृषि जोत के अनुसार प्रदेश में किसानों की संख्या
भूमि का आकार (हेक्टेयर में) किसानों की संख्या
एक हेक्टेयर से कम 672138
एक से दो 157330
दो से चार 64781
चार से दस 17302
10 से अधिक 10998