धीरे-धीरे घाटे से उबर रहा उत्तराखंड परिवहन विभाग, राजस्व में 59 प्रतिशत की हुई बढ़ोतरी

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देहरादून। परिवहन विभाग अब धीरे-धीरे कोरोना काल के दौरान हुए घाटे से उबरता नजर आ रहा है। इस वित्तीय वर्ष, यानी सितंबर तक परिवहन विभाग 358.10 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त कर चुका है। बीते वर्ष सितंबर तक विभाग केवल 224.95 करोड़ रुपये ही राजस्व के रूप में वसूल पाया था। इस तरह इस वर्ष परिवहन विभाग ने राजस्व में 59 प्रतिशत की बढ़ोतरी की है। माना जा रहा है कि अक्टूबर के त्योहारी सीजन में वाहनों की बिक्री के बाद यह आंकड़ा और बढ़ेगा।

परिवहन विभाग की आय का सबसे बड़ा जरिया वाहनों के परमिट, लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन के रूप में मिलना वाला टैक्स है। इस राजस्व से कर्मचारियों का वेतन देने के साथ ही सड़क सुरक्षा कार्य भी कराए जाते हैं। बीते वर्ष विभाग की राजस्व की स्थिति बहुत अच्छी नहीं रही। दरअसल, कोरोना के कारण लगे लाकडाउन के बाद परिवहन विभाग का काम भी बुरी तरह प्रभावित हुआ। जब विभाग खुलने शुरू हुए, उस समय परिवहन विभाग में बहुत कम काम हुआ।

इससे विभाग को तकरीबन 200 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। यानी वर्ष 2019 में विभाग को जहां 425 करोड़ रुपये मिले थे, उसके सापेक्ष वर्ष 2020 में राजस्व वसूली कुल 224 करोड़ रुपये हुई। वर्ष 2021 में अब स्थिति थोड़ी बेहतर हुई है और विभाग ने 358 करोड़ रुपये के राजस्व लक्ष्य को छुआ है। यह राजस्व वृद्धि 2019 की तुलना में अभी भी कम है, लेकिन बीते वर्ष के मुकाबले इसमें 133 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी हुई है।

विभाग को मिलने वाले राजस्व में यह स्थित तब है, जब सरकार ने व्यावसायिक वाहन चालकों की आॢथक स्थिति को देखते हुए टैक्स माफ कर दिया है। यदि सरकार टैक्स माफी नहीं देती तो यह राजस्व और अधिक हो सकता था। बहरहाल, धीरे-धीरे सामान्य हो रही परिस्थितियों में अब परिवहन विभाग तेजी से कदम आगे बढ़ा रहा है। परिवहन विभाग का इस वर्ष का राजस्व लक्ष्य 1050 करोड़ रुपये रखा गया है। विभाग यह लक्ष्य तो शायद ही पूरा कर पाए, लेकिन माना जा रहा है कि इस वर्ष विभाग वर्ष 2019 में मिले तकरीबन 900 करोड़ के राजस्व का आंकड़ा छू सकता है।

 

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